मॉनसून के दस्तक के साथ ही, राजधानी पानी से तरबतर हो गयी. शुरुआती बरसात के बाद ही यमुना अपने लेवल से ऊपर उठ चुकी है. इस बार हथिनीकुंड बैराज से करीब 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जिसे देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने की बैठक
बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी डी एम सपोलिया ने डीसी, एसडीएम, एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस, डिविजनल कमिश्नर और एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की, जिसमें इस खतरे से निपटने के तमाम उपायों पर सुझाव मांगे गए. इसके साथ ही हर सरकारी एजेंसी को एकजुट होकर काम करने का आदेश दिया गया है.
यमुना ने किया खतरे का निशान पार
मंगलवार को यमुना सुबह 7 बजे खतरे के निशान को पार कर चुकी है. दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सोमवार को ही यमुना किनारे के इलाकों को खाली करा लिया गया था. यह संकट हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण आया है. हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बांध से 8 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है. पिछले 100 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है.
बुधवार को पानी 207.20 तक पहुंचेगा
यमुना में 204.82 मीटर पानी के स्तर को खतरे का निशान माना जाता है. बुधवार को तो यमुना का पानी 207.20 तक पहुंचने की आशंका जाहिर की जा रही है और अगर ऐसा हुआ तो यह नया रिकॉर्ड होगा. हालांकि मौसम विशेषज्ञ कहते हैं कि दिल्ली और हरियाणा में मंगलवार दोपहर बाद बारिश कम होने की संभावना है और बिहार-यूपी में बारिश बढ़ जाएगी.
हथिनीकुंड बैराज से कब-कब छोड़ा गया पानी
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक हथिनीकुंड से सोमवार सुबह करीब 8 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. पहली बार यमुना में एकसाथ इतना ज्यादा पानी छोड़ा गया है. इससे पहले सितंबर 2010 में 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे यमुना का जलस्तर 22 सितंबर को 207.11 मीटर पर पहुंच गया था. यमुना का यह जलस्तर पिछले 100 सालों में सबसे अधिक था. गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को भी हथिनी कुंड बैराज से करीब 5.34 लाख क्सूसेक पानी छोड़ा गया था.
बेहाल निचले इलाके
यमुना में पानी बढ़ने के साथ कुछ निचले इलाकों जैसे आई एस बी टी, मजनू का टीला एवं तिब्बती मार्केट से लोग बाहर निकल रहे हैं. निचले इलाकों से झुग्गियां भी खाली कर दी गई हैं. इन लोगों को मदद के लिए प्रशासन के टेंटों और दूसरी जरूरी चीजों का इंतजार है. बेघर हुए लोगों के लिए अभी ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया है. कई झुग्गियां रात को पानी में बह गईं. लोग खाने-पीने का सामान और बर्तन वगैरह लेकर बाहर निकल रहे हैं.