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Delhi Flood: डूबे मकान, घिरीं कॉलोनियां, बंद श्मशान घाट... दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप

देश की राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से रिकॉर्ड उफान पर पहुंच गया है. जिसकी वजह से नोएडा के भी दर्जनों गावों में बाढ़ का अलर्ट है. दिल्ली के गीता कॉलोनी श्मशान घाट में यमुना नदी का पानी पहुंचने के बाद घाट को बंद कर दिया गया है. वहीं, दिल्ली नगर निगम ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निगमबोध शमशान घाट के लिए भी एडवाइजरी जारी की है.

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Flood like situation in Delhi Due to Yamuna at danger mark
Flood like situation in Delhi Due to Yamuna at danger mark

हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप दिख रहा है. यमुना का जलस्तर आज, 13 जुलाई की सुबह 8 बजे 208.48 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से 3 मीटर 15 सेंटीमीटर ऊपर है. दिल्ली के निचले इलाकों में यमुना का पानी पहुंचने से बाढ़ आ गई है, कई इलाकों में घर-मकान सब पानी में डूब गए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और निचले इलाकों में बिगड़ते हालात के बीच एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है लेकिन सैलाब के रूप में हरियाणा से दिल्ली की ओर खतरा पल-पल बढ़ रहा है.

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हथिनीकुंड बैराज की वो उफनती तस्वीरें, जिसका गेट खुलते ही दिल्ली में आ गई बाढ़

कालिंदी कुंज यमुना घाट में रिकॉर्ड पानी!
यमुना के पानी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का असर नोएडा से सटे दिल्ली के कालिंदी कुंज यमुना घाट पर भी नजर आ रहा है. कालिंदी कुंज   यमुना घाट पानी में डूब गया है. स्थानीय लोगों का कहना कि कालिंदी कुंज घाट पर करीब 10 साल से इतना पानी नहीं आया है. 

निचले इलाकों में यमुना के पानी का कब्जा, बाढ़ के हालात

यमुना नदी में आई बाढ़ ने दिल्ली के कई इलाकों में अपना कहर बरपा रखा है. दिल्ली के गढ़ीमांडू इलाका के गांव जलमग्न हो गए हैं. सभी घर पानी में डूबे दिखाई दे रहे हैं. लोग और पशु पानी में फंसे हैं और जान जोखिम में डालकर बचाव की कोशिश कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई बोट मुहैया नहीं कराई गई है. 

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हालात बयां करती तस्वीर

Flood in Delhi due to Yamuna at danger mark

नोएडा में भी बाढ़ का अलर्ट

यमुना के जलस्तर से नोएडा पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. नोएडा के कुछ इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात का अलर्ट हैं. नोएडा के जो इलाके यमुना नदी के पास हैं, वहां पानी घुसने लगा है. नोएडा सेक्टर 168 मंगरौली गांव के खेतों और जंगलों में यमुना का पानी भर गया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ नोएडा के दर्जनों गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, गीता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट तक यमुना का पानी पहुंच गया है, जिसके बाद घाट को बंद कर दिया गया है.

यमुना के उफान में डूबे मकान, दिल्ली के इन इलाकों को तुरंत छोड़ने की चेतावनी
 

शमशान घाटों के लिए एडवाइजरी जारी

दिल्ली नगर निगम ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निगम बोध घाट के लिए एडवाइजरी जारी की है. यमुना नदी में जलस्तर और बढ़ने के अलर्ट के बीच निगम बोध घाट में पानी घुसने की संभावना है, जिससे दाह संस्कार संबंधी गतिविधियों में बाधा आ सकती है. इसलिए आम जनता को सलाह दी गई है कि वे अपने प्रियजनों के शव को नजदीकी श्मशान घाट यानी पंचकुइयां रोड, संत नगर, पंजाबी बाग, ग्रीन पार्क, दक्षिणपुरी या उनकी कॉलोनी के पास ले जाएं.

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इन शमशान घाटों में की गई व्यवस्था

इसके अलावा यमुना का जलस्तर बढ़ने से गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर भी जलभराव हो गया है. नागरिकों से अनुरोध है कि वे कड़कड़डूमा और गाज़ीपुर श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार सुविधाओं का उपयोग करें, इसके लिए जरूरी व्यवस्था कर दी गई हैं. बता दें कि एमसीडी अपने श्मशान घाटों पर नागरिकों की सुविधा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है.

टला नहीं खतरा, फिर होगी बारिश

बता दें कि दिल्‍ली में यमुना नदी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. खतरे का निशान तो सोमवार को ही क्रॉस हो गया था लेकिन इसका जलस्‍तर 1978 के रिकॉर्ड स्‍तर से ऊपर पहुंच गया है. दिल्‍ली के निचले इलाकों में पानी भर चुका है. दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली के बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है. दिल्‍ली-एनसीआर में अभी भी कई इलाकों में बारिश की चेतावनी है. हालांकि, मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली में दो दिनों तक बारिश से राहत रहेगी, लेकिन फिर एक बार बारिश बढ़ेगी.

यमुना का जलस्तर बुधवार रात को 208 मीटर को पार गया है. बुधवार रात 11 बजे जलस्तर 208.8 मीटर दर्ज किया गया है. साल 1900 के बाद से यह पहली बार है जब यमुना का स्तर 207.49 को क्रॉस कर गया है. इससे पहले 1978 में आखिरी बार यमुना का स्तर सबसे अधिक दर्ज हुआ था. तब ये 207.49 मीटर था, जो अभी तक रिकॉर्ड माना जाता था.

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