विश्व योग दिवस के मद्देनजर पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही हैं. योग की यह बयार दिल्ली के तिहाड़ जेल में भी पूरे जोर शोर से बह रही है. यहां कैदियों के लिए योग शिविर चलाए जा रहे हैं.
योग दिवस को लेकर तिहाड़ जेल में आलम ये है कि कैदी सुबह-सुबह अनुलोम-विलोम में जुट जा रहे हैं. आईपीसी धारा, सजा, बैरक जैसे शब्दों से दूर प्राणायाम, कपालभांति, ध्यान जैसे शब्द इन दिनों तिहाड़ जेल में गूंज रहे हैं.
हर रोज 1 घंटे सुबह 6 से 7 बजे तक तिहाड़ के कैदी योग करते हैं और तनाव से मुक्त होने का प्रयास करते हैं. किस मजहब का शख्स योग करे और किस मजहब का नहीं, इन तमाम बहसों से दूर तिहाड़ में बंद कैदी मिल-जुलकर स्वेच्छा से योग करते हैं.
योग शिक्षक स्वामी आशुतोष के मुताबिक योग के इस कार्यक्रम को रिहैबिलिटेशन मुहिम से भी जोड़ा गया है. सफल प्रशिक्षित कैदियों को पंचवटी योगाश्रम की तरफ से योग शिक्षक नियुक्त किया जाएगा और योग सिखाने की मुहिम से जोड़ा जाएगा. जेल में बंद इन कैदियों में पीठ दर्द और मानसिक तनाव की शिकायत आम होती है और अब बीते कुछ दिनों में योग करने से इन्हें इसका फायदा हो रहा है.
तिहाड़ जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय ने बताया कि करीब 10 हजार कैदी तिहाड़ के अलग-अलग हिस्सों में इन दिनों योग कर रहे हैं. बेशक ये राजपथ पर होने वाले योग कार्यक्रम में शरीक ना हों मगर राजपथ से चली इस वैश्विक मुहिम से तो जुड़े ही हुए हैं.
नेतृत्व के स्तर से चली इस मुहिम से देश का अंतिम नागरिक भी जुड़े यही तो लोकतंत्र में जनता और सत्ता का योग है. तिहाड़ और राजपथ पर होने वाले योग कार्यक्रम इसी बानगी का शानदार उदाहरण हैं.