कभी आम आदमी पार्टी का हिस्सा और अरविंद केजरीवाल के साथी रहे योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से उनका इस्तीफा मांगा है. आप से अलग होकर स्वराज इंडिया बनाने वाले योगेंद्र ने दिल्ली छोड़कर गोवा और पंजाब में चुनाव प्रचार कर रहे आप सरकार के मंत्री और विधायकों पर भी सवाल उठाए हैं.
योगेंद्र यादव ने AAP पर किए ये 9 प्रहार
1. आप पंजाब में कहती है कि वह राज्य को नशामुक्त बनाएगी, तो दिल्ली में भी जरा देखें कि नशा मुक्ति कैसे की थी. सत्ता में आने के बाद उन्होंने 399 नए ठेके खोल दिए, ड्राई-डे कम कर दिए. इस दौरान यहां विदेशी शराब का सेवन 54% बढ़ गया. तो क्या पंजाब को भी वे ऐसे ही नशा मुक्त करेंगे.
2. दिल्ली में मदलितों के लिए स्कॉलरशिप कम हो गई. दलितों के उत्थान से जुड़ी योजनाएं लागू ही नहीं कर रहे हैं.
3. दिल्ली में वादे पूरे करते, तो दावा करने का अधिकार मिलता है. उन्होंने 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया था. हम यह नहीं कहते कि पहले साल ही 100 स्कूल बना दो, लेकिन पहले साल में महज 4 स्कूल बने. उन्होंने 20 कॉलेज का वादा किया था, लेकिन संख्या बढ़ने की बजाय 1 कॉलेज घट गया है.
4. आप का वादा था कि छात्रों को लोन देंगे और 97 छात्रों को लोन दिया गया. लेकिन हक़ीक़त यह है कि दिल्ली सरकार ने सिर्फ 3 छात्रों को लोन दिया. अब दावे करेंगे तो जांच तो होगी.
5. आम आदमी पार्टी को मोदी जी वाली बीमारी लग गई है. मोदी जी जैसा गुजरात में करते थे, वहीं हाल आप का हो गया है, काम कम और प्रचार ज्यादा.
6. आजकल गाड़ी पंजाब, गोवा के चके पर चल रही है और तो दिल्ली स्टेपनी है. मन तो पहले ही दिल्ली से बाहर था, अब शरीर बाहर हो गया है. दिल्ली सीढ़ी की तरह था, क्योंकि इरादा पंजाब, गोवा और केंद्र में जाने का है.
7. दिल्ली हाइकोर्ट के जजमेंट के बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने मान लिया है कि उनके पास दिल्ली में करने को कुछ नहीं है. नगर निगम हार भी गए तो सरकार 3 साल चलनी है ही.
8. मैं अपील करता हूं कि अरविंद केजरीवाल खुलकर कह दें कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री पद का दावेदार हैं. दिल्ली से इस्तीफ़ा दें और वायदा करें कि जीता या हारा तो पंजाब की सेवा करूंगा.
9. न्यूनतम चीजें जो दिल्ली को चाहिए उस तरफ ध्यान नहीं है. जब महामारी थी, तब सब मंत्री बाहर थे और आज की तो बात ही छोड़ दीजिए.