लैंड बिल समेत किसानों के तमाम मुद्दों पर नई दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे पूर्व AAP नेता योगेंद्र यादव को सोमवार देर रात हिरासत में ले लिया गया. बताया जा रहा है कि वह अपने समर्थकों के साथ जंतर मंतर से प्रधानमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे.
योगेंद्र ने हिरासत में मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया है. योगेंद्र यादव के साथ उनके 90 से भी ज्यादा समर्थकों को स्वराज अभियान के तहत प्रदर्शन करने के दौरान हिरासत में लिया.
Is standing peacefully with a Hal an offence? We were not obstructing traffic, were willing to cooperate with any reasonable condition.
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 10, 2015
Why this brutal assault then?
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 10, 2015
योगेंद्र को हिरासत में लिए जाने का उनके राजनीतिक विरोधियों ने भी विरोध किया है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री और योगेंद्र के पूर्व 'बॉस' अरविंद केजरीवाल ने भी उनके पक्ष में ट्वीट किए हैं.
I strongly condemn the treatment metted out to Yogendraji by Delhi police. They were protesting peacefully. It is their fundamental right.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 11, 2015
Condemn Delhi Police behavior with Yogendra Yadav. Everyone has a right to protest at Jantar Mantar which is the designated place of protest
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 11, 2015
I have been beaten up,
manhandled, dragged, pushed and arrested at the parliament
street police station. pic.twitter.com/kbJgT9rSuh
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dash; Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 10, 2015
गिरफ्तारी के बाद योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि उनसे विरोध करने का लोकतांत्रिक हक भी छीना जा रहा है, उनकी मंशा थी कि किसानों के प्रतीक हल को वो प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचाकर मोदी को किसानों से हो रही नाइंसाफी का अहसास कराना.
योगेंद्र यादव को पार्लियामेंट
स्ट्रीट थाने में रखा गया है. प्रशांत भूषण ने मौके पर पहुंच कर कहा, 'कुछ नहीं
बताया जा रहा है कि किस धारा के हिसाब से हिरासत में लिया गया है.' पुलिस
ने कहा कि प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं थी.
शांति भंग करने की कोशिश:
सूत्र
दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त नज़दीक होने के चलते
धारा 144 लागू है और प्रदर्शनकारियों ने शांति भंग करने की कोशिश की. साथ
ही स्वराज अभियान को 10 अगस्त तक प्रदर्शन करने की अनुमति थी. हालांकि
इसे 14 अगस्त तक बढ़ाने की अनुमति दी गई, लेकिन पुलिस ने इसे माना
नहीं.