पार्टी के शीर्ष नेताओं में मतभेद की खबरों के बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि योगेंद्र यादव उनके प्रिय दोस्त और सहयोगी हैं. उनके द्वारा उठाए गए अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पैदा हुए मतभेद पर चुप्पी तोड़ते हुए अरविंद केजरीवाल ने तीन ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, 'योगेंद्र यादव मेरे प्रिय दोस्त हैं और बेहतरीन सहयोगी भी. उनके साथ अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कई अहम मुद्दे पर ध्यान खींचा. हम लोग मिलकर इस पर काम करेंगे.'
इसके अलावा, हाल ही में पार्टी छोड़ने वाली शाजिया इल्मी को एक बार फिर वापस लाने की कोशिश करने की भी बात कही.
Yog yadav is a v dear friend and a v valued colleague. Had long discussion with him....
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 7, 2014
Yog yadav has raised some imp issues. All of us will work on it.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 7, 2014
We will also try to get shazia back
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 7, 2014
लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेतृत्व में मतभेद उभरकर सामने आ गया. योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा तो इसके जवाब में AAP संयोजक के करीबी मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र पर ही गंभीर सवाल उठा दिए. मतभेद उस समय जगजाहिर हो गया जब योगेंद्र यादव और मनीष सिसोदिया के बीच हुआ पत्र व्यवहार मीडिया में लीक हो गया.
यह कहा योगेंद्र यादव ने-
'कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में यह व्यापक धारणा है कि पार्टी व्यक्ति पूजा की बीमारी से घिर गई है, जिससे देश की दूसरी पार्टियां भी घिरी हुई हैं. पार्टी के बड़े फैसलों में एक व्यक्ति की इच्छा झलकती है. जब उसका दिमाग बदलता है तो पार्टी अपने कदम बदल देती है. नेता से करीब होना संगठनात्मक भूमिकाएं और जिम्मेदारियां का आधार है. जब सभी फैसलों और सफलताओं का श्रेय एक व्यक्ति को दिया जाता है तो सभी आरोप भी एक ही व्यक्ति पर जाएंगे. इसमें कोई संदेह नहीं कि अरविंद भाई पार्टी में निर्विवादित नेता हैं. परंतु नेता और सुप्रीमो में फर्क होता है. नेता के प्रति स्नेह और आकर्षण अकसर व्यक्ति पूजा में तब्दील हो जाता है जिससे संगठन और नेता दोनों को नुकसान होता है. ऐसी हमारी पार्टी में होता दिख रहा है.'
मनीष सिसोदिया का जवाबी ईमेल -
आपने (योगेन्द्र यादव) विवाद को सार्वजनिक इसलिए कर दिया क्योंकि आप इससे अपने तरीके नहीं निपट पा रहे थे. आप केजरीवाल को इसमें घसीटना चाह रहे हैं. केजरीवाल शुरू से चाहते थे कि कुछ सालों तक दिल्ली पर फोकस किया जाए. वह ज्यादा सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ थे. लेकिन आपकी सलाह वह आगे बढ़े और नतीजा हम सबके सामने है. आपने (योगेन्द्र यादव) चुनाव से ऐन पहले हरियाणा में सर्वे किया और दावा किया कि पार्टी को राज्य में 23 फीसदी वोट मिलेंगे. लेकिन चुनावों में हमें हरियाणा में सिर्फ 4 फीसदी ही वोट मिले. पार्टी इन खराब नतीजों की वजह जानना चाहती है. जवाब देने की बजाय आप इस तरह के झूठे मुद्दे उठाकर ध्यान भटकाना चाहते हैं. आप केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं या फिर आम आदमी पार्टी को? जब तक आपका पक्ष लिया केजरीवाल अच्छे थे, अब अचानक सुप्रीमो हो गए.
पार्टी के नेता नवीन जयहिंद से मतभेद के बाद योगेंद्र यादव ने पिछले दिनों पीएसी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पत्र में अपने इस्तीफे की वजह भी बताई थी.
इन सबके बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का दूसरा दिन आज है. आज पार्टी में नेताओं के इस्तीफे पर चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने शाजिया इल्मी को मनाने का जिम्मा अंजलि दमानिया को दिया है.