स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खुला पत्र लिखकर शराब से जुड़ी नीतियां जनता के सामने रखने को कहा है. यादव ने अपनी चिट्ठी में केजरीवाल से कई सवाल भी पूछे हैं. इस पत्र के ज़रिए दिल्ली सरकार से आबकारी नीति को सार्वजनिक करने की मांग की गई है. मीठे अंदाज़ में लिखे अपने पत्र में योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल पर तीखे हमले भी किए हैं.
केजरीवाल को लिखे ओपन लेटर में योगेंद्र यादव ने लिखा है, ' राजनीति में आने से पहले और उसके बाद, चाहे आपकी लिखी किताब स्वराज हो या चुनावी घोषणापत्र, हर मंच से आपने कहा कि किसी भी इलाके में शराब का ठेका खुलने या नहीं खुलने का निर्णय वहां की स्थानीय जनता लेगी, विशेषकर महिलाएं, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार में आकर आप अपनी बात ही भूल गए, स्वराज का सिद्धांत ही भूल गये.'
योगेंद्र यादव ने केजरीवाल पर हमला करते हुए लिखा है, 'नशामुक्त दिल्ली का वादा पूरा करना तो दूर आपने अपनी सरकार के शुरुआती दिनों में ही शराब बेचने के 399 नए लाइसेंस बांट दिए. प्रशांत जी और मुझे दिल्ली के कोने-कोने, मोहल्ले मोहल्ले से शिकायतें आने लगीं. हर तरह के अपराध में वृद्धि, तो कहीं मनचलों की शैतानी. महिलाएं तो विशेष तौर से त्रस्त थी. फिर मजबूर होकर स्वराज अभियान ने पिछले साल इस मुद्दे को उठाया, कई ठेकों के पर जनसुनवाई की और आपसे सवाल पूछे. इस मुहिम के दबाव में आपने उस साल कोई भी नया लाईसेंस नहीं देने की घोषणा की. मैंने तब भी पूछा था कि ये घोषणा केवल एक साल की लिए क्यों? उस साल पंजाब और गोवा में चुनाव होने वाले थे, जहां आप अकाली, बीजेपी और कांग्रेस से नशे पर सवाल कर रहे थे. मैंने पूछा था कि यह सिर्फ़ चुनाव तक बदनामी टालने की घोषणा तो नहीं थी?
योगेंद्र यादव ने कहा, 'आज वो आशंका सच साबित होती दिखायी देती है. आपकी वो घोषणा 31 मार्च, 2017 तक के वित्त वर्ष के लिए थी. अब एक नया साल आ चुका है और तीन महीने बीतने के बाद भी आपकी नई आबकारी नीति का कोई अतापता नहीं है. उलटे पिछले साल की घोषणाओं को आपने पलटना ज़रूर आरंभ कर दिया है. आपने इस साल रेस्तरां में शराब के लाईसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर भी दी है.
योगेंद्र यादव ने कई सवाल भी किए हैं. यादव ने लिखा है कि दिल्ली की जनता की तरह मेरे मन में भी अनेक सवाल और शंकाएं हैं-
-दिल्ली की नई आबकारी नीति आप कब सार्वजनिक करेंगे?
-नए ठेके खोलने के संबंध में जो नीति 31 मार्च तक के लिए बनाई थी, वो क्या इस साल कायम है या आपने उसे पलट दिया है?
-स्थानीय जनता की सहमति के बिना आपने दिल्ली में जो दारू के लाइसेंस बांटे थे , उसे कब रद्द करेंगे?
-क्या रेस्तरां को शराब के नए लाइसेन्स देने से पहले अपने उस मुहल्ले या कालोनी के लोगों की राय पूछी है?
-'नशामुक्त दिल्ली' के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए आप क्या ठोस कदम उठाएंगे?