राजधानी में 15 अगस्त पर पतंग उड़ाने का चलन है. पुलिस की लाख सख्ती के बाद भी मेटल कोटेड चाइनीज मांझे का इस्तेमाल कम तो हुआ लेकिन पूरी तरह से नही रुक रहा. हर साल सैकड़ों पक्षी इसी चाइनीज मांझे की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. अब कई ऐसे भी होते हैं जिन्हें बचाया जा सकता है. अगर समय रहते इलाज मिल मिल जाए तो उन्हें ठीक किया जा सकता है. अब इसी जरूरत को समझते हुए एक ऐसी गाड़ी तैयार कर दी गई है जो आसानी से पक्षियों का रेस्क्यू कर पाएगी. ये दाम में सस्ती है लेकिन काम में काफी प्रभावी. देखें आजतक संवाददाता रामकिंकर सिंह की ये रिपोर्ट.