फरवरी, 2020 में दिल्ली में हुए दंगे में एक परिवार ने अपने बच्चे को खो दिया था. आज दंगे के तीन साल बाद अपने 15 साल के बच्चे को यादकर परिवार की आंखें भर आती हैं. मां का कहना है कि कोई भी मुआवज़ा उनके बेटे से बढ़कर नहीं हो सकता. परिवार का कहना है कि बेटा चाऊमीन लेने गया था पुलिस की गोली का शिकार बन गया.