अफताब को सजा देना कानून का काम है. अदालत उसे उसका धर्म देख कर सजा नहीं देगी. हमें अपने सामाज में अफताब जैसे अपराधी नहीं चाहिए. बिल्कुल नहीं चाहिए. लेकिन क्या हमें जॉय चक्रवर्ती और राम किशोर पटेल मंजूर हैं? आफताब, जॉय, राम किशोर जैसा अपराधी इस सामाज के लिए सिर्फ और सिर्फ एक श्राप है, एक अपवाद है.