सोनम वांगचुक फिर से दिल्ली में धरने पर बैठे हैं और उन्होंने नेताओं से बातचीत की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. उनकी मुख्य मांग है कि लद्दाख को छठी अनुसूची के अंतर्गत शामिल किया जाए. वांगचुक ने खुद को किसी राजनेता के बजाय पर्यावरणविद के रूप में प्रस्तुत किया है. उनका कहना है कि यह आंदोलन लद्दाख के लोगों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए शुरू किया गया है.