साल 2013 में अभिनेता अक्षय कुमार और मनोज वाजपेयी की एक फिल्म आई थी जिसका नाम स्पेशल 26 था. इस फिल्म में ये लोग नकली सीबीआई अधिकारी बनकर मंत्री और कारोबारी के घर छापा मारकर उन्हें लूट लेते थे. ऐसा ही कुछ गुजरात के कच्छ इलाके में भी देखने को मिला है. फर्जी डॉक्टर, फर्जी अस्पताल, फर्जी पुलिस, फर्जी जज के बाद फर्जी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अधिकारी बनकर ठगों ने एक कारोबारी को लूटने की कोशिश की लेकिन वो इस बार पकड़े गए.
12 ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
दरअसल पूर्वी कच्छ के इलाके में फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) टीम बनकर रेड करने वाले 12 ठगों के गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरोह गांधीधाम स्थित राधिका ज्वेलर्स और उनके घर पर नकली ईडी अधिकारी बनकर पहुंचा और 25 लाख 25 हजार रुपये मूल्य का सोना, चांदी और नकदी चुराकर फरार हो गया था.
चोरी की घटना के बाद राधिका ज्वेलर्स के मालिक ने गांधीधाम (डिवीजन ए) पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. उनकी शिकायत के आधार पर पूर्वी कच्छ के इंस्पेक्टर सागर बागमार के नेतृत्व में एलसीबी और ए डिवीजन पुलिस स्टेशन की 10 टीमों को जांच में लगाया गया. पुलिस ने अहमदाबाद, भूज और गांधीधाम में छापेमारी कर 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
ट्रांसलेटर निकला मास्टरमाइंड
ठगी के इस मामले को लेकर कच्छ के एसपी सागर बागमार ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड डीआरआई ऑफिस में ट्रांसलेटर के तौर पर काम करने वाला शैलेंद्र देसाई है. उसने खुद को ईडी अधिकारी बताकर रेड की योजना बनाई थी.
पुलिस के मुताबिक उसके साथ भरत मोडवाड़िया और देवायत खाचर ने इस योजना को अंजाम देने के लिए बाकी सदस्यों को शामिल किया. इनमें से 6 आरोपी स्थानीय थे, जिन्हें क्षेत्र की अच्छी जानकारी थी.
एक गलती ने पहुंचा दिया हवालात
पुलिस जांच में पता चला कि गिरोह में एक महिला भी शामिल थी. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया है. फर्जी रेड के दौरान जिन वाहनों का इस्तेमाल किया गया, उनके जरिए ही पुलिस आरोपियों तक पहुंची.
एसपी ने बताया कि गिरोह ने लालच देकर लोगों को शामिल किया और पहली ही रेड में उनका भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने चोरी का पूरा सामान बरामद कर लिया है. फिलहाल एक आरोपी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.