गुजरात के राजकोट से एक छात्र को तालिबानी सजा देने का मामला सामने आया है. इसे सुनने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. 14 साल के छात्र को स्कूल संचालकों ने इलेक्ट्रिक शॉक यानी बिजली के झटके दिए हैं. उसका कसूर इतना था कि उसने बगीचे की सफाई करने से मना कर दिया था.
छात्र ने कहा था कि आज नहीं कल बगीचा साफ कर दूंगा. इस बात को सुनने के बाद स्कूल के संचालकों ने पहले तो बच्चे को क्लास में ले जाकर मारा-पीटा. इससे भी मन नहीं भरा, तो उसे सबक सिखाने के लिए उसकी आंखों में पट्टी बांधकर बिजली के झटके दिए. इसकी वजह से बच्चा बेहोश हो गया.
पांच दिन बाद जब वह होश में आया, तो उसने अपने परिजनों को पूरी बात बताई. इसे सुनने के बाद उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. इस मामले में अभी तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं हुई है, क्योंकि बच्चा बेहेश था और किसी को नहीं पता था कि उसके साथ क्या हुआ था. मामले में स्कूल की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.
स्कूल ने बताई थी पेड़ से गिरने की बात
बच्चे की चाची हीरूबेन ने बताया कि बच्चा आमबरडी के हॉस्टल में रहता था. वहां से फोन आया कि आपका बेटा पेड़ से गिर गया है. उसे जसदन ले गए, जहां वह बेहोश था. उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे वहां से राजकोट अस्पताल में ले गए. स्कूल से कोई साहब भी नहीं आए. उसके सुपरवाइजर बच्चे को भर्ती कराने के बाद चले गए. पांच दिन हो गए, किसी का फोन भी नहीं आया है.
वो पैसे वाले हैं, गरीब के सामने देखते भी नहीं है. हम मजदूरी करके बच्चे को पढ़ाते हैं. बच्चे ने कहा कि वह साफ-सफाई करने नहीं जाता, इसलिए मुझे धमकी दी और इस तरह मुझे बिजली का झटका दिया. बच्चे ने बताया कि चार-पांच लोग थे.
बच्चे ने घर पर बताई थी धमकी वाली बात
हीरूबेन ने बताया कि बच्चा जब भी घर आता था, मम्मी-पापा को कहता था कि स्कूल में मुझे धमकी देते हैं. मगर, मम्मी-पापा कहते थे कि तुम्हें पढ़ाने के धमकी दे रहे होंगे. तुम पढ़ने में ध्यान दो. हमें क्या पता था कि वे बच्चे को साफ-सफाई के लिए धमकी दे रहे थे. आज हमारे बच्चे के साथ जो हुआ, कल दूसरे के बच्चे के साथ होगा. सरकार से न्याय की उम्मीद है.
बच्चे की इस हालत के जिम्मेदार लोगों को मिले सजा- पिता
बच्चे के पिता जीनाभाई ने बताया कि अस्पताल में बच्चा बेहोश था. पांच दिन बाद होश में आने के बाद उसने बताया कि मुझसे बगीचे का काम करवाते थे. मैंने मना किया तो मुझे ऑफिस में लेकर गए. मुझे पीटा और बिजली के झटके दिए. उन लोगों में एक किशन गांगडिया था और तीन चार लोग थे. फिर मुझे पता नहीं चला. पिता जीनाभाई ने कहा कि हमारी मांग है कि हमें न्याय मिले. बच्चे की इस हालत के जिम्मेदार लोगों को सख्त से सख्त सजा मिले.
स्वीकार्य नहीं हैं बच्चों से ऐसे काम करना
स्कूल में पढ़कर बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा. माता-पिता इसी सपने के साथ बच्चों को पढ़ने के लिए भेजता हैं. मगर, कई स्कूलों में बच्चों से ऐसे काम कराए जाते हैं, जो स्वीकार्य नहीं हैं. बच्चों से स्कूल के शौचालय की सफाई, खाने के बर्तन धुलाने और शिक्षकों के हाथ-पैर दबाने के वीडियो देश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ चुके हैं. इन पर विवाद हुआ और बाद में जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई. सवाल यह है कि यदि कोई बच्चा इन कामों को करने का विरोध करेगा, तो क्या स्कूल में उसे मारा-पीटा जाएगा.
(इनपुट-तेजस शिशंगिया)