गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई मुस्लिम लड़की प्यूबर्टी हासिल करने पर या 15 साल की उम्र पूरी करने पर शादी कर सकती हैं. अदालत ने यह टिप्पणी एक मुस्लिम युवक के खिलाफ बाल विवाह निरोधक अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई को निरस्त करते हुए की.
उस युवक ने अपने समुदाय की 17 साल की लड़की से शादी की थी. जस्टिस जे बी पर्दीवाला ने अपने दो दिसंबर के आदेश में कहा कि 'मुस्लिम पर्सनल लॉ' के अनुसार कोई मुस्लिम लड़की प्यूबर्टी हासिल करने या 15 साल की उम्र पूरी करने पर शादी के लिए योग्य है.
इनपुट भाषा से