पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव जारी है. जम्मू-कश्मीर में बुधवार को लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर दोनों देशों के बीच हुई एयर फाइटिंग में पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन को अपनी गिरफ्त में ले लिया था, जिन्हें आज यानी शुक्रवार को रिहा कर दिया है.
मिग 21 विमान के फायटर पायलट विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के F-16 विमान को मार गिराया. वायुसेना की जांबाजी के बीच जानिए बहादुरी की वो दास्तां जिसे बहादुर बहनों ने अंजाम दिया. दरअसल, 71 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने 18 बम गिराकर भुज में वायुसेना की हवाई पट्टी को तहस-नहस कर दिया था. इस वक्त भुज की ही बहादुर बहनों ने महज 71 घंटे में उस हवाई पट्टी को फिर से बनाया.
हवाई पट्टी को बनाने वाली वालाबेन कच्छ के माधापर में रहती हैं, आज भले ही वो 74 साल की हो गई हैं लेकिन उनका जोश और जज़्बा बरकरार है. उनका कहना है कि आज भी भारतीय फ़ोर्स को उनकी जरूरत पड़ी तो वो काम करने के लिए तैयार हैं. वालाबेन का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जिस तरह से तनावपूर्ण माहौल पैदा हुआ है, वो चिंताजनक है.
वालाबेन और उनके जैसी 300 महिलाओं ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका अदा की थी. उन्होंने पाकिस्तान के जरिए एक ही रात में 18 बम दाग कर तोड़ी गई वायुसेना की हवाई पट्टी को महज 71 घंटो के भीतर तैयार कर दिया था. वो मंजर याद करके उनका कहना है कि बम दागे जाते थे तो शांति का सायरन बजता था. हम जाकर जालियों में छुप जाते थे और फिर वापस काम पर लग जाते थे. अगर वो हवाई पट्टी नहीं बनी होती तो पाकिस्तान कच्छ को बर्बाद कर देता.
वालाबेन और उनके जैसी 300 महिलाओं के लिए गांव के बाहर एक वीरांगना स्मारक भी बनाया गया है. हालांकि उनमें से आज कुछ ही महिलाएं जीवित हैं, लेकिन 74 साल की वालाबेन में आज भी ऐसा जोश और जज़्बा है, जो युवाओं को प्रोत्साहित करता है.