गुजरात के ऊना में बीते दिनों हुई दलितों की पिटाई पर सियासी संग्राम के बीच सोमनाथ जिले के इस शहर के निकट एक बार फिर ऐसी ही घटना सामने आई है. सोमवार को स्वतंत्रता दिवस की शाम एक प्रदर्शन रैली से घर लौट रहे 20 दलितों के एक समूह पर समतर गांव के पास भीड़ ने हमला कर दिया. इसमें आठ दलित गंभीर रूप से घायल हो गए.
घटना शाम करीब पांच बजे की है. पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का लाठी चार्ज भी किया. लेकिन पीड़ितों का दावा है कि पुलिस ने उनकी मदद के लिए कुछ नहीं किय. पीड़ितों का कहना है कि हमलावर समतर गांव के निवासी हैं. वे लोग पिछले महीने ऊना में दलितों की पिटाई करने की घटना को लेकर गिरफ्तार हुए 12 लोगों का बदला लेना चाहते थे.
कन्हैया वाली रैली से लौट रहे थे लोग
सोमवार की घटना के सभी 20 पीड़ित भावनगर जिले के हैं. वे साइकिल और बाइक से अन्य लोगों के साथ ऊना गए थे. ये लोग जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मौजूदगी में रोधिका वेमुला और बालु सरवैया द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. राधिका हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला की मां हैं, जबकि बालु ऊना में पिछले दिनों हिंसा का शिकार हुए दलित युवकों में से एक के पिता हैं.
ऊना-भावनगर रोड की घटना
जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम भीड़ ने ऊना-भावनगर रोड पर दलितों के समूह को समतर के पास रोका और उनकी पिटाई की. यह जगह मोटा समधिया गांव से ज्यादा दूर नहीं है, जहां पिछले महीने गौ-रक्षकों ने सात दलितों की बुरी तरह पिटाई की थी.
सड़क जामकर रोका रास्ता, फिर पिटाई
गिर सोमनाथ पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा, 'समतर में शाम को पुलिस ने हिंसक भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. जब उन्होंने भागने से इनकार कर दिया तो लाठीचार्ज भी किया गया. हमला झेलने वाले मावजीभाई सरवैया का आरोप है कि उन पर समतर गांव के लोगों ने हमला किया. उन्होंने कहा, 'ऊना दलित पिटाई कांड में अभी तक गिरफ्तार 30 लोगों में से 12 लोग समतर के रहने वाले हैं. यह ऊना से 11 किलोमीटर दूर स्थित है. मेरे सहित करीब 200 दलित बाइक से ऊना रैली में शामिल होने आए थे. जब हम लौट रहे थे, समतर के निवासियों ने सड़क जाम किया और हमें बेरहमी से पीटा.'
आठ लोगों को आई हैं गंभीर चोटें
मावजीभाई ने कहा, 'वहां पुलिस बल भी थी, लेकिन हमलावरों के मुकाबले वे बहुत कम थे. वे लोग उनके 12 लोगों की गिरफ्तारी के लिए हमें जिम्मेदार ठहरा रहे थे. कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से आठ को गंभीर चोटें आई हैं. घायलों को भावनगर और राजुला के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. हमारी एक बाइक को आग भी लगा दिया गया.' उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के वक्त पुलिस ने उनकी मदद नहीं की.
स्थिति बिगड़ने के बाद पुलिस ने लिया एक्शन
उन्होंने आरोप लगाया, 'यह योजनाबद्ध हमला था, क्योंकि सभी वैकल्पिक सड़कें भी जाम थीं. हम पर पुलिस की मौजूदगी में हमला हुआ. जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तब पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे.' बार-बार प्रयास के बावजूद पुलिस का कोई शीर्ष अधिकारी प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं था.