ऊना में हुए दलितकांड का असर गुजरात में धीरे-धीरे देखने मिल रहा है. जूनागढ़ में 200 दलितों ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया है. दरअसल गुजरात में पिछले लंबे वक्त से दलित खुद के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
दलित हिन्दू धर्म में जड़ता के कारण छूआ-छूत और जात-पात से परेशान होते थे. बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों का मानना है कि यही एक ऐसा धर्म है जिसमें दलितों को मान सम्मान और समानता का हक मिल सकता है.
दलितों की लड़ाई पिछले काफी वक्त से चली आ रही थी, लेकिन ऊना की घटना ने आग में घी डालने का काम किया. धर्म परिवर्तन करने वाले मधुभाई बाधड़ा ने कहा कि बौद्ध धर्म ने ही दलितों को सही से समझा है. असल में बौद्ध धर्म के प्रचारक भी गांव-गांव जाकर दलितों से सहानुभूति व्यक्त की और लोगों को समझाया.