गुजरात सरकार ने वर्ष 2002 के नरोदा पाटिया दंगों में फैसले के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के त्यागपत्र की मांग को खारिज करते हुए दोषी ठहरायी गईं भाजपा विधायक डा. माया कोडनानी से दूरी बनाते हुए कहा कि घटना के समय वह मंत्री नहीं थीं.
सरकार के प्रवक्ता जयनारायण व्यास ने मोदी को निशाना बनाने के लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि विधायक राज्य सरकार का पदाधिकारी नहीं होता है, दूसरी बात यह कि जब यह घटना हुई उस समय डा. माया कोडनानी मंत्री नहीं थीं.’
उन्होंने मोदी को निशाना बनाने पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘भाजपा के लिए उनके अलग मापदंड हैं, मोदी के लिए अलग और गुजरात के लिए कुछ और ही मापदंड हैं.उनकी निगाहें विधानसभा चुनाव पर हैं.’
उन्होंने कहा कि कोडनानी पार्टी पदाधिकारी हैं, वह वर्तमान पार्टी विधायक हैं, इससे इनकार नहीं है लेकिन इसे उस तरह से नहीं जोड़ा जा सकता जैसा आप जोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया वह मंत्री नहीं रहीं.
कांग्रेस सांसद जगदंबिका पाल की इस मांग पर कि मोदी को त्यागपत्र दे देना चाहिए, व्यास ने कहा, ‘कांग्रेस सब चीजों में मुख्यमंत्री का त्यागपत्र मांगती है या उन्हें किसी भी चीज से जोड़ने का प्रयास करती है. यदि यही मापदंड है तो पूर्व में दोषी ठहराये गए उन लोगों को भी त्यागपत्र दे देना चाहिए जो केंद्र सरकार में मंत्री हैं.’
उन्होंने कहा कि गुजरात ऐसा पहला राज्य नहीं है जहां किसी विधायक या मंत्री के खिलाफ फैसला आया है, ऐसे कई राज्य हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता क्योंकि सूची बहुत लंबी हो जाएगी.’