कोरोना काल की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन को लेकर त्राही त्राही मची हुई है. कोरोना संक्रमित मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल घट जाता है और समय पर उसे बाहर से ऑक्सीजन ना मिलने से उसकी मौत हो जाती है. कुल मिलाकर ऑक्सीजन हमारे शरीर के लिए कितना महत्व रखता है ये बात कोरोना काल से साबित हुई है और यही महत्व सूरत की सड़कों पर खड़े होकर एक चार साल का साल मासूम लोगों को समझा रहा है.
सूरत की सड़कों पर अपनी पीठ पर ऑक्सीजन की किट बांधकर खड़े इस बच्चे का नाम डियांस दूधवाला है. डियांस की उम्र महज़ चार साल है और अपनी इस उम्र में सूरत के लोगों को ऑक्सीजन की अहमियत समझा रहा है. डियांस के तो अभी दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं और वो लोगों को कोरोना काल में हो रही ऑक्सीजन की किल्लत समझ रहा है.
बच्चे की समझ को उसके माता पिता भी समर्थन देने हेतु यहां सड़क पर उसके साथ खड़े हैं. इस बच्चे का सबसे महत्वपूर्ण संदेश ये है कि पेड़ कट रहे है जिसकी वजह से ऑक्सीजन कम हो रही है. इसलिए लोग प्लांटेशन करें, जिससे ऑक्सीजन उत्पन्न हो सके. चार साल के इस बच्चे के माता पिता भी कुछ यही कह रहे हैं.
सूरत का ये चार साल का बच्चा डियांस दूधवाला ना सिर्फ़ सूरत वासियो को बल्कि देश और दुनियां को सड़क पर खड़े होकर यही संदेश दे रहा है कि पर्यावरण बचाओ, पेड़ लगाओ और ऑक्सीजन बनाओ. समझना ना समझना हम बड़ी उम्र के लोगों पर निर्भर करता है.