नवरंगपुरा के रहने वाले निरंजन नाइक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्तों में से सबसे अलग हैं. निरंजन नाइक और नरेंद्र मोदी दोनों एक ही तारीख (17 सितम्बर) को एक ही कस्बे वडनगर में पैदा हुए और उन्होंने एक ही स्कूल से पढ़ाई भी की. दोनों ही दोस्त बृहस्पतिवार को 65 साल के हो गए.
आज भी दोस्तों को नाम से याद रखते हैं
निरंजन कहते हैं, 'नरेंद्र आज भी सभी दोस्तों को नाम से याद रखते हैं. हालांकि उनके पीएम बनने के बाद मेरी उनसे मुलाकात नहीं हुई लेकिन वो जब भी अहमदाबाद में रैलियों को संबोधित करते हैं तो मैं उनकी फोटोज खींच लेता हूं.' निरंजन ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, 'स्कूल में हमारी जल्द ही दोस्ती हो गई थी क्योंकि मैं भी आरएसएस की स्थानीय शाखा में जाया करता था. हम दोनों और हमारे बाकी दोस्तों ने 12वीं तक की पढ़ाई साथ में की थी. लेकिन 12वीं के बाद सबके रास्ते अलग-अलग हो गए.'
मगरमच्छ से लड़ाई वाली घटना सही
निरंजन ने 12वीं के बाद अहमदाबाद आकर आईटीआई में दाखिला ले लिया. वो बताते हैं कि मोदी अच्छे छात्र होने के साथ ही एक अच्छे लीडर और दृढ़संकल्पी व्यक्ति थे. उन्होंने पीएम मोदी के मगरमच्छ से लड़ने के प्रसंग को भी सही बताया. निरंजन ने कहा, 'शर्मिष्ठा झील (जिसमें हम तैरा करते थे) में बहुत सारे मगरमच्छ थे. हम वहां ये सोचकर नहाते थे कि अगर हम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे तो वो भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. नरेंद्र जिन्हें हम एनडी बुलाते थे वो मगरमच्छ के बच्चों के साथ खेला करते थे.' निरंजन ने पीएम की यूनीफॉर्म के लिए दीवानगी के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, '1965 के भारत-पाक युद्ध के लिए आ रहे आर्मी के जवानों को देखने के लिए एनसीसी कैडेट नरेंद्र मेहसाणा रेलवे स्टेशन तक चले गए थे.'