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अब्बास को PM मोदी के पिता ने दिया था सहारा, भाई पंकज के साथ पढ़ते थे, ऐसी है पूरी कहानी

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) के 100वें जन्मदिन पर ब्लॉग लिखकर अब्बास का जिक्र किया था. मोदी ने कहा था कि बचपन में एक तरह से अब्बास हमारे घर में ही रहकर पढ़ा.

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PM मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी ने अब्बास के बारे में जानकारी दी है.
PM मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी ने अब्बास के बारे में जानकारी दी है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब्बास के पिता के निधन के बाद छूट रही थी पढ़ाई
  • PM मोदी के पिताजी ने कहा था पढ़ाई नहीं छोड़नी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन के दोस्त अब्बास भाई को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं हो रही हैं. अब्बास को लेकर पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी ने खुलकर बातचीत की और उनके बारे में जानकारी दी है.

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सोमाभाई ने बताया कि अब्बास के पिता के निधन के बाद उनकी पढ़ाई छूट रही थी. जब हमारे पिता को पता चला तो वह अब्बास को अपने साथ घर ले आए और उसे हम लोगों के साथ ही रखा और आगे की पढ़ाई पूरी करवाई. बाद में अब्बास की सरकारी नौकरी लग गई.

पीएम मोदी ने अपनी मां हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) के 100वें जन्मदिन पर ब्लॉग लिखकर अब्बास का जिक्र किया था. मोदी ने कहा था कि बचपन में एक तरह से अब्बास हमारे घर में ही रहकर पढ़ा. हम सभी बच्चों की तरह मां अब्बास की भी बहुत देखभाल करती थीं. ईद पर मां, अब्बास के लिए उसकी पसंद के पकवान बनाती थीं.

अब्बास के सामने पढ़ाई छोड़ना मजबूरी बन गई थी

सोमाभाई मोदी ने बताया कि अब्बास राम सद्दा वडनगर के पास रसूलपुर गांव के रहने वाले हैं. ये मुस्लिमों का गांव है. अब्बास मेरे भाई पंकज के साथ पढ़ता था. उसके पिताजी का देहांत हो गया था. ऐसे में उसके सामने पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई थी. मेरे पिता जी को पता चला तो उन्होंने कहा कि बेटा, पढ़ाई नहीं छोड़नी है. मैं अपने घर में रखूंगा और आगे पढ़ाऊंगा. अब्बास मेरे घर आ गया. हमारे साथ ही रहता था. हमारे साथ ही खाना खाता था. मेरी मां खाना बनाती थी. उसके बाद सरकारी नौकरी लग गई. एक साल पहले ही अब्बास का रिटायरमेंट हुआ है. 

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हमारे परिवार में मानवीय गुण

सोमाभाई कहते हैं कि ये मानवीय गुण हैं. हम लोगों के पास मानवता के गुण हैं. हम लोग झगड़े से नफरत करते हैं. नरेंद्र भाई भी इन बातों को सही दिल से नकारते हैं. सब लोग मिलजुल कर रहें, ऐसी ही उनकी सोच है. 
 
अब कहां हैं अब्बास...

अब्बास इस समय ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में अपने छोटे बेटे के पास रहते हैं. उनके दो बेटे हैं. छोटा बेटा ऑस्ट्रेलिया तो बड़ा बेटा गुजरात के कासीम्पा गांव में रहता है. अब्बास सरकार में क्लास 2 कर्मचारी के तौर पर काम करते थे. वो फूड एंड सप्लाई विभाग में थे. कुछ महीने पहले ही वे रिटायर हुए हैं.

पीएम मोदी ने और क्या कहा था...

पीएम मोदी ने ब्लॉग में अब्बास का जिक्र किया और लिखा था कि 'मां हमेशा दूसरों को खुश देखकर खुश रहा करती हैं. घर में जगह भले कम हो, लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है. इसके उदाहरण के तौर पर पीएम ने बताया कि हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक गांव था, जहां मेरे पिताजी के बहुत करीबी मुस्लिम दोस्त रहा करते थे. उनका बेटा था अब्बास.

दोस्त के पिता की असमय मृत्यु के बाद हमारे पिताजी असहाय अब्बास को घर ले आए थे. एक तरह से अब्बास हमारे घर में ही रहकर पढ़ा. हम सभी बच्चों की तरह मां अब्बास की भी बहुत देखभाल करती थीं. ईद पर मां, अब्बास के लिए उसकी पसंद के पकवान बनाती थीं. यही नहीं, त्योहारों के समय आसपास के कुछ बच्चे हमारे यहां ही आकर खाना खाते थे. उन्हें भी मेरी मां के हाथ का बनाया खाना बहुत पसंद था.

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