सूरत पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को पकड़ा है, जो पिछले 19 सालों से भिखारी बनकर छुपा बैठा था. पुलिस ने बताया कि 19 साल बाद ऑपरेशन फरार के तहत बदमाश को पकड़ा. पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने बताया कि पिछले 1 साल से ऑपरेशन फरार चलाया जा रहा है, जिसके तहत फरार हत्या, लूट, बलात्कार और मारपीट जैसे आरोपियों को पकड़ा जा रहा है.
इस दौरान पुलिस ने एक मोस्ट वांटेड अपराधी को पकड़ा. जो पिछले 19 सालों से फरार चल रहा था और पुलिस से बचने के लिए भिखारी बनकर रह रहा था. प्रीवेंटिव क्राइम ब्रांच के हेड कांस्टेबल अशोक भाई लूणी को जानकारी मिली थी कि शहर के अठवां पुलिस थाने में दर्ज मामले का आरोपी मुंबई कुर्ला रेलवे स्टेशन और घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने का काम करता है और रेलवे स्टेशन के आसपास ही रहता है. फिर उसके खिलाफ टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर जानकारी जुटाई गई थी.
19 साल बाद पकड़ा गया खुंखार अपराधी
प्रीवेंटिव क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर आर.एस.सुवेरा ने आरोपी से संबंधित मिली जानकारी वेरिफाई करने के बाद पीसीबी की टीम के सहदेव भाई, हंसमुख मोहन भाई, दीपक भाई और अशोक भाई को महाराष्ट्र दो से तीन बार संबंधित जगह का वेरिफिकेशन करने के लिए भेजा था. लेकिन आरोपी को पहचानने में दिक्कत आ रही थी क्योंकि आरोपी को 19 वर्ष लंबा समय हो चुका था.
जिस इलाके में भिखारी बनकर राजू पवार के रहने के बारे में जानकारी मिली थी वहां पर भिखारी बड़ी संख्या में रहते थे. भिखारी के भेष में रह रहे खूंखार अपराधी को पकड़ने के लिए सूरत पुलिस की टीम ने भिखारी का ही संपर्क साधा. इसके बाद भिखारी राजू पवार पर नजर रखी गई और उसे पकड़ लिया गया.
कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने बताया कि ईपीसी की धारा 224 के तहत सन 2005 में दर्ज हुए मामले में एक अपराधी राजू उर्फ सुदर्शन पवार को पकड़ने में सफ़लता हंसिल हुई है. वो पिछले 19 सालों से पुलिस की आखों को धूल झोंकर एक भिखारी के तौर पर रहे रहा था.
आरोपी के खिलाफ हत्या, लूट, मारपीट के 7 मामले दर्ज हैं
19 अक्टूबर 2005 को बदमाशों ने लॉकअप तोड़कर भागने की कोशिश की थी. जिसमे शिवानंद काले पारघी और विष्णु कट्टा पवार को पुलिस टीम ने पकड़ लिया था और राजू उर्फ सुदर्शन पवार फरार हो गया था. राजू के खिलाफ हत्या, मारपीट और लूट के 7 मामले दर्ज हैं.