scorecardresearch
 

Gujarat: अमरेली के बाद अब बनासकांठा के स्कूल में बच्चों ने हाथों पर किए घाव, काउंसलिंग के बाद शरारत का खुलासा

Gujarat News: सरकारी स्कूल में 6 से 8 क्लास तक के 10 बच्चों ने किसी तेज धारदार ब्लेड से अपने हाथों पर घाव कर लिए. हालांकि, कोई भी घाव जानलेवा नहीं था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू की.

Advertisement
X
स्कूली बच्चों ने हाथों पर किए घाव.
स्कूली बच्चों ने हाथों पर किए घाव.

अमरेली के बाद गुजरात के अबबनासकांठा जिले में बच्चों के हाथों पर जख्मों का मामला सामने आया है. डीसा के एक सरकारी स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक के 10 बच्चों ने किसी तेज धारदार ब्लेड से अपने हाथों पर घाव कर लिए. हालांकि, कोई भी घाव जानलेवा नहीं था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू की. बच्चों ने पूछताछ में बताया कि यह शरारत के तौर पर किया गया था. स्कूल ने बच्चों और अभिभावकों की काउंसलिंग करवाई और पुलिस को भी सूचित किया.

Advertisement

स्कूल के आचार्य श्रवण अनावाडिया ने बताया, "हमने बच्चों से ऑनलाइन गेम्स के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया. अभिभावकों के मोबाइल में भी कोई गेम नहीं मिला. फिर भी, हमने सभी की काउंसलिंग करवाई." 

जिला प्राथमिक शिक्षाधिकारी विनुभाई पटेल ने पुष्टि करते हुए कहा, "यह शरारत का मामला था. हम जिले के सभी स्कूलों में अभियान चलाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों."

यह भी पढ़ें: अमरेली के स्कूली छात्रों ने क्यों खेला 'ब्लेड-ब्लड' वाला खेल? देखिए गुजरात आजतक

यह घटना अमरेली जिले में दो दिन पहले हुई घटना के बाद सामने आई है, जहां 15 से अधिक बच्चों ने ऑनलाइन गेमिंग और शर्त के चलते अपने हाथों पर ब्लेड से कट लगाए थे.

डीसा स्कूल ने एहतियातन काउंसलिंग कर अभिभावकों को सतर्क किया, ताकि बच्चे सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचे रहें. ये घटनाएं बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ाने वाली हैं.

Advertisement

दूसरी ओर, राज्य सरकार भी स्कूलों में मोबाइल उपयोग और बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रही है, ताकि सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके. बनासकांठा और अमरेली की घटनाओं ने शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement