कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी रहे अहमद पटेल का बुधवार सुबह निधन हो गया. अहमद पटेल तीन बार लोकसभा और पांच बार राज्यसभा सांसद रहे हैं, लेकिन एक बार भी मंत्री नहीं बने. दिलचस्प बात यह है कि गुजरात से लोकसभा पहुंचने वाले वो आखिरी मुस्लिम सांसद थे. अहमद पटेल भरूच से 1984 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते थे और 1989 में बीजेपी से हारने के बाद उन्होंने राज्यसभा का रास्ता आख्तियार कर लिया. इसके बाद से 30 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन गुजरात में कोई दूसरा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा सका.
बता दें कि गुजरात में करीब 10 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जो अहमदाबाद, पंचमहल, खेड़ा, आणंद, भरूच, नवसारी, साबरकांठा, जामनगर और जूनागढ़ के इलाके की सीटों पर प्रभाव रखते हैं. इसके बावजूद मुस्लिम का प्रतिनिधित्व लोकसभा में नहीं है और विधानसभा में महज चार विधायक हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छह मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से महज चार ही जीत सके. इससे पहले 2012 में सिर्फ दो मुस्लिम विधानसभा पहुंच सके थे.
1962 में गुजरात का प्रदेश के रूप में गठन होने के बाद पहली बार हुए लोकसा चुनाव में महज एक मुस्लिम उम्मीदवार ने ही जीत दर्ज की थी. बनासकांठा सीट से जोहरा चावड़ा जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. आपातकाल के बाद हुए 1977 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का देश भर से सफाया हो गया था, लेकिन गुजरात से 10 कांग्रेसी सांसद चुने गए थे. इनमें दो मुस्लिम नेता जीते थे और ये दोनों कांग्रेस पार्टी से थे. भरूच से अहमद पटेल और अहमदाबाद से एहसान जाफरी संसद पहुंचे थे.
भरूच लोकसभा सीट से गुजरात में सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं. मौजूदा समय में भरूच में करीब 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. कांग्रेस ने 1962 से लेकर अब तक 8 मुस्लिम उम्मीदवार भरूच से उतारे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अहमद पटेल ही तीन बार जीतने में कायमाब रहे. अहमद पटेल 26 साल की उम्र में पहली बार 1977 में सांसद बने और फिर 1982 और 1984 में भरूच सीट से जीत दर्ज की थी.
साल 1989 के लोकसभा चुनाव में अहमद पटेल भरूच सीट से एक फिर मैदान में उतरे थे, लेकिन इस बार सियासी बाजी वो हार गए. अहमद पटेल को बीजेपी के चंदू देशमुख ने करीब 1 लाख 15 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद से अहमद पटेल दोबारा लोकसभा चुनाव नहीं लड़े और उन्होंने संसद पहुंचने के लिए राज्यसभा का रास्ता अख्तियार कर लिया. इस चुनाव के बाद से कोई दूसरा मुस्लिम सांसद गुजरात से लोकसभा नहीं पहुंचा सका है.
दिलचस्प बात यह है कि साल 1989 के बाद से सिर्फ सात मुस्लिम उम्मीदवार गुजरात से लोकसभा चुनाव लड़े हैं और ये सभी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में थे. 2014 में कांग्रेस ने देश भर में 67 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से कांग्रेस ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को गुजरात की नवसारी सीट से मकसूद मिर्जा को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन मोदी लहर में वो बुरी तरह हा गए. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने गुजरात में एक मुस्लिम को टिकट दिया था. कांग्रेस भरूच सीट से शेर खान अब्दुल शकूर पठान को मैदान में उतारा था, लेकिन वो भी अहमद पटेल की वर्चस्व वाली सीट से जीत नहीं सके. वहीं, अहमद पटेल गुजरात के आखिरी राज्यसभा सांसद हैं. ऐसे में देखना है कि अब उनकी राजनीतिक विरासत कौन संभालता है.