गुजरात में कांग्रेस पार्टी पिछले कई सालों से सत्ता से दूर है. लेकिन कांग्रेस इस बार अपने अस्तित्व कि लड़ाई के लिये चुनाव लड़ रही है, ऐसे में कांग्रेस इस साल किसी भी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है. कांग्रेस को लगता हे कि जब से पार्टी अपने नये कांग्रेस भवन में शिफ्ट हुई है तब से ही राज्य की सत्ता उसके हाथ से फिसल गई है.
कांग्रेस का दफ्तर अहमदाहाद के पालडी इलाके में है और इसी दफ्तर से तीन विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस ने अब इस ऑफिस को छोड़ने की तैयारी कर ली है. आगामी चुनाव में जीत की उम्मीद के साथ अपने नए ऑफिस को छोड़ कांग्रेस ने पुराने ऑफिस में बैठकें और बड़े फैसले लेने की शुरुआत कर दी है. इसी के मद्देनजर आज यहां पुराने ऑफिस में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई.
कांग्रेस ऑफिस शिफ्ट करने के लिए भले ही इसे वास्तु शास्त्र को जिम्मेदार मान रही हो लेकिन इसकी वजह लगातार चुनावी हर ही है. हालांकि पार्टी ने ये जरूर माना कि इसी पुराने ऑफिस में सरदार वल्लभभाई पटेल ओर मोरारजी देसाई जैसे कांग्रेसी नेताओं ने बैठकें कर देश को आजादी दिलाई थी और अब यही ऑफिस कांग्रेस को सूबे की सत्ता भी दिलाएगा. ये वही ऑफिस है जो पुराने अहमदाबाद के लाल दरवाजा इलाके में सरदार स्मृति भवन के नाम से जाना जाता है.
फिलहाल कांग्रेस अपने दोनों ही ऑफिस से काम-काज संभालेगी. लेकिन समय के साथ-साथ कांग्रेस को भी ये लगने लगा है कि दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की शरण में जाकर ही उसे सत्ता का सुख मिल सकेगा और इसी के लिए वो खुद के साथ-साथ ऑफिस में भी बदलाव कर रही है.