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अहमदाबाद: 18 महीने की बच्ची के पेट में मिला 400 ग्राम का भ्रूण, डॉक्टरों ने ऐसे निकाला बाहर

अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बीमारी का इलाज किया है, जिसके लिए 18 महीने की बच्ची के माता-पिता कई राज्यों में ट्रीटमेंट के लिए भटक रहे थे. बच्ची के पेट में भ्रूण था, जिसे डॉक्टरों ने ऑपरेट करके बाहर निकाल दिया है.

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दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्ची का ऑपरेशन (सांकेतिक तस्वीर-PTI)
दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्ची का ऑपरेशन (सांकेतिक तस्वीर-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दुर्लभ बीमारी से जूझ रही थी बच्ची
  • 5 लाख में कोई एक होता है शिकार
  • पेट में बीमारी की वजह से होता है दर्द

अहमदाबाद सिविल हस्पिटल के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बीमारी की शिकार 18 महीने की बच्ची को जीवनदान किया है. यह बच्ची Fetus in fetu नाम की बीमारी से ग्रसित थी, जिसके लिए माता-पिता को कई राज्यों की खाक छाननी पड़ी. बच्ची के माता-पिता मध्य प्रदेश से अहमदाबाद इलाज के लिए आए थे.

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Fetus in fetu एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिसमें पेट में अविकसित भ्रूण बन जाता है. बच्ची के पेट से 400 ग्राम का भूण ऑपरेशन कर बाहर निकाला गया है. इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को भीषण पेट दर्द होता है. बेहद जटिल सर्जरी के जरिए इसे बाहर निकाला जाता है. 5 लाख शिशुओं में से किसी एक को ऐसी बीमारी होती है.

दरअसल मध्य प्रदेश में रहने वाला एक दंपति कई दिनों से अपनी बेटी की इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहा था. एमपी और राजस्थान के कई दिग्गज डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन बेटी को दर्द से राहत नहीं मिल रही थी. महज 18 महीने की इस बच्ची को असहनीय दर्द से गुजरना पड़ रहा था. वे अपनी बच्ची को देख तक नहीं पा रहे थे. 

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ऐसी स्थिति में एक दिन ट्विटर पर अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में भी इसी तरह के किसी केस का इलाज देखा तो दंपति की आस जगी. वे इलाज के लिए अहमदाबाद आ गए. हॉस्पिटल में जब बच्चे की सोनोग्राफी की गई, तो पता चला कि महज 18 महीने की बच्ची के पेट में भ्रूण है. मेडिकल साइंस में ही इसे Fetus in fetu कहा जाता है.
 

सोनोग्राफी से दुर्लभ बीमारी के बारे में मिली जानकारी


बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश जोशी ने आजतक से बातचीत में कहा कि बच्ची के पेट से जो अविकसित भ्रूण मिला है, उसका वजन 400 ग्राम है. यह एक जटिल प्रकार की बीमारी है, जो कि 5 लाख बच्चों में किसी एक में पाई जाती है. सर्जरी के बाद बच्ची को बड़ी राहत मिली है. बच्ची के पिता हर्षित सोनी इलाज के बाद बेहद खुश हैं.
 


 

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