अहमदाबाद नगर निगम के प्रहलादनगर फायर स्टेशन के डिविजनल फायर ऑफिसर इनायतहुसैन इब्राहिम शेख को गुजरात एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 65 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इनायतहुसैन ने एक बिजनेस स्कूल की फायर एनओसी जारी करने के लिए कुल 80 हजार रुपये की मांग की थी, जिसमें से 15 हजार रुपये पहले ही ले लिए गए थे.
दरअसल, शिकायतकर्ता कंसल्टेंट ने एक बिजनेस स्कूल के लिए फायर एनओसी प्राप्त करने हेतु आवेदन किया था. नियमानुसार, फायर विभाग के डिविजनल फायर ऑफिसर इनायतहुसैन ने स्कूल का निरीक्षण किया. इसके बाद कंसल्टेंट से एनओसी जारी करने के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. कंसल्टेंट ने 15 हजार रुपये एडवांस में दे दिए, लेकिन जब उसने पूरी रकम देने से इनकार कर दिया.
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ACB ने कैसे बिछाया जाल?
इसके बाद इनायतहुसैन ने धमकाना शुरू कर दिया. उसने कहा कि यदि रिश्वत नहीं दी गई, तो स्कूल के फायर एनओसी आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और कंसल्टेंट का कामकाज ठप करवा दिया जाएगा. रिश्वत मांगने से परेशान कंसल्टेंट ने एसीबी को इसकी शिकायत कर दी. एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और जैसे ही इनायतहुसैन ने 65 हजार रुपये की रिश्वत स्वीकार की, उसे रंगे हाथ पकड़ लिया गया. इस ऑपरेशन में आनंद एसीबी के विशेष इंस्पेक्टर को तैनात किया गया था.
तीन महीने तक लटकाई फायर एनओसी
इनायतहुसैन ने पूरे 80 हजार रुपये की रकम न मिलने तक तीन महीने तक बिजनेस स्कूल की फायर एनओसी अटका कर रखी थी, जबकि नियमानुसार इसे 14 दिनों में जारी करना अनिवार्य होता है. हालांकि, अहमदाबाद नगर निगम द्वारा एक नए चीफ फायर ऑफिसर की नियुक्ति के बाद बिजनेस स्कूल को फायर एनओसी जारी कर दी गई. इसके बावजूद, इनायतहुसैन ने रिश्वत मांगना जारी रखा.
अब तक का करियर और जांच का दायरा
एसीबी अधिकारी इनायतहुसैन के घर और ऑफिस में छापेमारी कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि उसने कितने और लोगों से रिश्वत वसूली थी. 2012-2016 में राजकोट में फायर स्टेशन ऑफिसर, 2016-2019 में वडोदरा में फायर स्टेशन ऑफिसर और 2019-2024 में अहमदाबाद में डिविजनल फायर ऑफिसर. एसीबी अब यह जांच कर रही है कि पिछले छह वर्षों में इनायतहुसैन ने कितने अन्य मामलों में अवैध लेनदेन किए. फिलहाल उसे गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है.