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13 साल के बच्चे में मिला ब्लैक फंगस का पहला केस, अहमदाबाद में किया गया ऑपरेशन

गुजरात के अहमदाबाद में 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का मामला सामने आया है. 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का यह पहला मामला है. बच्चा इससे पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुका था.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एप्पल चिल्ड्रेन अस्पताल में बच्चे का हुआ ऑपरेशन
  • 13 साल का बच्चा कोरोना वायरस से हो चुका था संक्रमित
  • 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का यह पहला मामला

कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस एक नई समस्या के रूप में तेजी से उभर रहा है और लोगों की चिंता बढ़ा रहा है. बड़े-बुजुर्गों के बाद अब यह ब्लैक फंगस बच्चों में भी हो रहा है. अहमदाबाद में 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है.

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गुजरात के अहमदाबाद में 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का मामला सामने आया है. बच्चे में म्यूकरमाइकोसिस की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आज शुक्रवार को अहमदाबाद के एप्पल चिल्ड्रेन अस्पताल में ऑपरेशन किया गया. 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का यह पहला मामला है. 

बच्चा इससे पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुका था. बच्चे की मां भी कोरोना पॉजिटिव रही जिस कारण उसकी मौत भी हो गई. इसके अलावा बच्चे में किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं थी.

पिछले हुआ था कोरोना से संक्रमित

वायरल लोड ज्यादा होने की वजह से इस बच्चे की मां की मौत हुई थी. जबकि बच्चा कोरोना से ठीक हो गया था. लेकिन अब डेढ़ महीने के बाद बच्चे में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए. डॉक्टरों ने जब इसका टेस्ट किया तो वह म्यूकरमाइकोसिस पॉजिटिव पाया गया. आज बच्चे का म्यूकरमाइकोसिस का ऑपरेशन किया गया. फिलहाल बच्चा सुरक्षित है.

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अहमदाबाद के बच्चों के डॉक्टर चेतन त्रिवेदी का कहना है कि यह ऐसा पहला मामला होगा. इससे पहले हमने जो म्यूकरमाइकोसिस देखा था. वह बड़ी उम्र के लोगों में ही देखा था. बच्चों में इस तरीके का मामला सामने आने के बाद अब इस बीमारी को लेकर डॉक्टर इसकी गंभीरता से लेने के लिए कह रहे हैं.

डॉक्टर अभिषेक बंसल की टीम के जरिए इस बच्चे के नाक का ऑपरेशन किया गया है. डॉक्टर बंसल का कहना है कि अप्रैल में उसे कोरोना हुआ था, जिसके बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया था, लेकिन अचानक उसमें इस तरह के लक्षण पाए गए और वह म्यूकरमाइकोसिस पॉजिटिव निकला.

ब्लैक फंगस के 7 हजार से ज्यादा मामले

कोरोना संकट के बीच अब ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसार रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्लैक फंगस के अब तक 7,251 केस सामने चुके हैं जिसमें 219 लोगों की मौत हुई है. 

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केंद्र सरकार ने कल गुरुवार को कहा था कि राज्यों को महामारी अधिनियम, 1897 के तहत ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करना चाहिए. महाराष्ट्र ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है और इसके यहां पर 1,500 मामले हैं और 90 लोगों की मौत भी हो चुकी हैं. जबकि गुजरात में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 1,163 मामलों का पता चला और 61 लोगों की इससे मौत हो गई.

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एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की बढ़ी कालाबाजारी

दूसरी ओर, अहमदाबाद में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस बीमारी भी तेजी से बढ़ रही है. इसलिए अब इस बीमारी के इलाज में अहम माने जा रहे एम्फोटेरिसिन बी नामक इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ गई है जिससे इसकी भी कालाबाजारी बढ़ती जा रही है.

पहले लोग रेमेडिसिविर और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे थे. उन्हें भी महंगे दामों पर बेचकर भारी कमाई कर रहे थे. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने चार लोगों को एम्फोटेरिसिन बी नामक इंजेक्शन जिसे ब्लैक फंगस के इलाज में अहम माना जाता है, उसकी कालाबाजारी करते हुए पकड़ा है. क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 8 इंजेक्शन जब्त किए हैं. 

 

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