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अहमदाबाद: कोविड अस्पताल की लापरवाही, कोरोना नेगेटिव महिला को कोविड ICU में रखा, हुई मौत

अहमदाबाद में कोरोना के केस जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, अस्पतालों में कोरोना संक्रमित लोग बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं. ऐसे में अहमदाबाद के सबसे बड़े सिविल के कोविड अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई. 

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मृतक इन्दिराबेन पटेल (फाइल फोटो)
मृतक इन्दिराबेन पटेल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना नेगेटिव महिला को कोविड ICU में रखा हुई मौत
  • दमे की दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती हुई थी महिला
  • परिवार वालों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

अहमदाबाद में कोरोना के केस जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, अस्पतालों में कोरोना संक्रमित लोग उसी तादाद में पहुंच रहे हैं. ऐसे में अहमदाबाद के सबसे बड़े सिविल के कोविड अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई. अहमदाबाद में 19 नवंबर को एक महिला को दमा की दिक्कत के बाद अर्बन हेल्थ सेन्टर ले जाया गया, जहां उनका कोरोना टेस्ट किया गया, हालांकि, महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई. 

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हालांकि उसी रात उनको सांस लेने में काफी दिक्कत और शरीर में ऑक्सीजन की कमी हुई, जिस के बाद फैमिली डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी. महिला को फिर सिविल अस्पताल में ले जाया गया, सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने कुछ टेस्ट किए और उसे इलाज के लिए 1200 बेड वाले कोविड अस्पताल में भेज दिया.

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महिला इन्दिराबेन पटेल को 20 नवंबर को इलाज के लिए भर्ती किया गया, उनकी RTPCR रिपोर्ट नकारात्मक निकली, बावजूद इसके अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव आईसीयू वॉर्ड में रखा. मरीज के परिजनों ने दूसरे वार्ड में ले जाने की बात कही तो डॉक्टरों ने उनकी मांग को नकार दिया, परिवार के लोगों का आरोप है कि रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद उन्हें आईसीयू में ही रखा गया, और 29 नवंबर को उनकी मौत की खबर आई.

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परिवार वालों ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके अपने की जान चली गई. इतना ही नहीं महिला की मौत सुबह हो गई थी, लेकिन महिला के परिवार वालों को इसकी जानकारी साढ़े दस बजे के बाद दी गई. परिवार ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि इंदिरा बेन को लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच रखा गया इस वजह से उनकी मौत हो गई.

 

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