साल 2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार केस में 24 दोषियों को लेकर स्पेशल कोर्ट शनिवार को सजा का ऐलान करेगा. मामले 2 जून को ही 36 आरोपियों को बरी किया जा चुका है.
बता दें कि पहले 6 जून को सजा का ऐलान होना था लेकिन कोर्ट ने जिरह पूरी न हो पाने की वजह से बाद में फैसला सुनाने के लिए 9 जून की तारीख तय की थी.
मामले की सुनवाई साल 2009 में शुरू हुई थी, उस समय 66 आरोपी थे. इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है. कोर्ट ने जिन 36 आरोपियों को बरी किया उनमें बीजेपी का पार्षद भी शामिल है.
दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा कि वह इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थीं. उन्होंने खुशी जताई और कहा कि सभी अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए. एहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने भी कहा कि उन्हें कोर्ट से बहुत उम्मीदें हैं.
क्या है गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार?
गोधरा कांड के अगले दिन यानी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगा हुआ था. इस दंगे में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की भी मौत हुई थी. हमले में जाफरी सहित 69 लोगों की जान
गई थी.