हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सोमवार को गुजरात के दौरे पर थे. वो साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने कहा कि यूपी की जनता देख रही है कि हमें अतीक अहमद से नहीं मिलने नहीं दिया गया और कैसे बीजेपी अपनी राजनीति कर रही है.
दरअसल, जेल प्रशासन ने ओवैसी को अतीक अहमद से मिलने से मना कर दिया था. जेल अथॉरिटी की ओर से कहा गया कि उनसे मिलने की इजाजत सिर्फ उन्हीं लोगों को है जिनसे उनका खून का रिश्ता हो या परिवार के सदस्य हों या फिर उनके वकील ही उनसे मुलाकात कर सकते हैं. इसलिए ओवैसी उनसे मुलाकात नहीं कर सकते.
इसके बाद ओवैसी ने आज तक से बात करते हुए कहा कि यूपी की जनता जानती है कि हमें अतीक अहमद से मिलने नहीं दिया गया. किस तरीके से बीजेपी अपनी राजनीति कर रही है. जब ओवैसी से पूछा गया कि वो अतीक अहमद को पार्टी में क्यों लाना चाहते हैं? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'क्या बीजेपी में ऐसे लोग नहीं है. प्रज्ञा ठाकुर पर बम ब्लास्ट का आरोप है. वो जब छूटीं तो जुलूस निकाला गया.' ओवैसी ने कहा कि अतीक अहमद को लेकर अभी तक कोर्ट ने कोई फैसला नहीं लिया है.
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ओवैसी ने ये भी बताया कि उनकी पार्टी 2022 में गुजरात का विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) लड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनका संगठन तय करेगा कि किसे टिकट देना है और किसे नहीं. ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि उनके संपर्क में गुजरात कांग्रेस के कई नेता हैं.
उन्होंने कहा, 'आज हमसे मिलने के लिए यहां के पार्षद शहजाद खान पठान आए थे जिन्होंने एनआरसी के मामले में काफी काम किया है. उनसे मुलाकात हुई है. आगे देखते हैं राजनीति किस मुकाम पर ले जाती है.'
खुद को बीजेपी की बी-टीम बुलाए जाने पर ओवैसी ने कहा, 'उनके नेता राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी हार गए. वहां तो हमारा कोई उम्मीदवार नहीं था. वो वायनाड में जीते क्योंकि यहां 35% वोटर्स अल्पसंख्यक हैं. वो हमें देखते ही ए टीम, बी टीम, वोटकटवा बुलाने लगाते हैं. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. जनता फैसला करेगी.'
असदुद्दीन ओवैसी ने 'अब्बा जान' पर मचे सियासी घमासान पर कहा, 'अब्बा जान क्यों बोलते हैं? पिताजी बोलना चाहिए. इसे अंग्रेजी में डॉग विजन पॉलिटिक्स कहते हैं.' ओवैसी ने योगी सरकार के 4.5 साल के रिपोर्ट कार्ड को भी झूठा बताया. उन्होंने कहा, 'उनके मंत्री विधानसभा में खड़े होकर बताते हैं कि 33 लाख युवा बेरोजगार हैं. सीएमआईई का डेटा बताता है कि बेरोजगारी दर 10% है. गंगा के पानी में लाशें तैर रही थीं. लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी. रिश्तेदारों को जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिली. जमीन में दफनाया तो कुत्ते नोच रहे थे. क्या ये है इनका रिकॉर्ड?'