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गुजरात दौरे पर असदुद्दीन औवेसी, जिग्नेश मेवानी के चुनाव क्षेत्र वडगाव में करेंगे जनसभा

AIMIM के असदुद्दीन औवेसी गुजरात दौरे पर जाएंगे. औवेसी बनासकांठा के वडगाव जाएंगे, यहां वे मुस्लीम बहुल इलाके में सभा को संबोधित करेंगे. 

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असदुद्दीन औवेसी फाइल फोटो
असदुद्दीन औवेसी फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 70 से 75 हजार मुस्लीम वोटर
  • जिग्नेश मेवानी के लिए मुश्किल

स्थानीय निकाय चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही एक बार फिर AIMIM के असदुद्दीन औवेसी अब गुजरात दौरे पर जाएंगे. औवेसी के दो दिन के दौरे पर कल सुबह वो गुजरात के अहमदाबाद पहुंचेंगे. इसके बाद अहमदाबाद में अलग-अलग ईद सेलिब्रेशन के कार्यक्रम में शामिल होंगे, और संगठन के लोगों के साथ मुलाकात करेंगे. औवेसी इसके बाद दूसरे दिन बनासकांठा के वडगाव जाएंगे, यहां वे मुस्लीम बहुल इलाके में सभा को संबोधित करेंगे. 

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70 से 75 हजार मुस्लीम वोटर
दरअसल, कांग्रेस AIMIM को बीजेपी की बी टीम बता रही है. जिस वडगाम में औवेसी जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं, वो सीट विधायक जिग्नेश मेवानी की विधानसभा सीट है. ये दलित के लिए रिजर्व सीट है. वडगाम चुनाव क्षेत्र की बात की जाए तो इस क्षेत्र में तकरीबन 70 से 75 हजार मुस्लीम वोटर हैं. माना जाता है कि औवेसी इस सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं. वैसे में अगर 2017 के चुनाव के नतीजों को देखा जाए तो 95497 वोट यानी 50 प्रतिशत के करीब वोट जिग्नेश मेवानी को मिले थे. जो की बीजेपी के प्रत्याशी से 19696 वोट ज्यादा थे. 

जिग्नेश मेवानी के लिए मुश्किल
अगर औवेसी यहां अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो जानकार मानते हैं कि हर साल यहां 45 हजार से 50 हजार के बीच मुस्लीम मतदान होता है. वैसे में अगर औवेसी अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो ये वोट सीधे तौर पर कांग्रेस और AIMIM के बीच बट जाएंगे. जिस का सीधा नुकसान जिग्नेश मेवानी को होगा और वो ये सीट हार सकते हैं. हालांकि, जानकार ये भी बताते हैं कि अगर विधानसभा चुनाव जीतना है तो विधानसभा में सगंठन भी चाहिए, और गाव-गांव में बूथ मैनेज करने वाले लोग भी चाहिए. औवेसी पहली बार वडगाव के छापी में जनसभा को संबोधित करेंगे. वैसे में इतना जल्दी संगठन बनना मुशिकल हो सकता है. 

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AIMIM से कई सदस्यों का मोहभंग
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव से लेकर अब तक यानी पिछले 1 साल की बात की जाए तो गुजरात में औवेसी की AIMIM के कई सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी है. AIMIM छोड़ने वालों में अहमदाबाद शहर प्रमुख और एडवोकट शमशाद पठान का कहना है कि पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट यहां ऐसे काम करते हैं, जिससे पार्टी मजबूत होने के बजाय, वोट टूट सकता है. इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. 

 

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