गुजरात में चुनावी आहट के बीच सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पाटीदार समुदाय को मनाने में जुट गई है. पाटीदार आरक्षण को लेकर पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति और सरकार के बीच करीब 6 घंटे तक बैठक चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
बैठक में सरकार की ओर से गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ओर गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा मौजूद थे. अहमदाबाद में बैठक के दौरान पाटीदार आंदोलनकारियों ने सरकार के सामने 4 मुद्दे रखे.
1. आंदोलनकारियों की ओर से बैठक में पाटीदारों को संवैधानिक तौर पर आरक्षण देने की मांग उठी.
2. आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज में जो पुलिसकर्मी शामिल थे उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
3. क्रांति रैली के दौरान पुलिस गोलीबार में मरने वाले पाटीदारों को 35 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने की मांग.
4. गुजरात में पाटीदार आयोग का गठन किया जाए.
वहीं बैठक में सरकार की ओर से पाटीदारों को आश्वस्त किया गया कि इस मामले को लेकर उनकी सोमवार को मुख्यमंत्री विजय रुपानी के साथ बातचीत होगी, और उसके बाद एक बार फिर पाटीदार समिति के लोगों को बैठक के लिए बुला जाएगा. हालांकि पाटीदारों के रवैये में बैठक के दौरान कोई बदलाव नहीं आया.
साथ ही बैठक में पाटीदारों ने सरकार को ये चेतावनी भी दी कि अगर इस मसले को जल्द नहीं सुलझाया गया तो एक बार फिर पाटीदार समाज हार्दिक पटेल की अगुवाई में उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार है.