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वसंतपंचमी पर मुस्लिम छात्रों को पूजा में शामिल होने का फरमान

गुजरात की राजधानी अहमदाबाद के म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड ने एक तुगलकी फरमान निकाला है. शनिवार को वसंत पंचमी के अवसर पर स्कूल बोर्ड के तहत आने वाले सभी स्कूल में सरस्वती वंदना की जाए, जिसमें मुस्लिम स्कूल भी शामिल हैं. मुस्लिम स्कूलों ने इस फरमान का विरोध किया है.

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गुजरात की राजधानी अहमदाबाद के म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड ने एक तुगलकी फरमान निकाला है. शनिवार को वसंत पंचमी के अवसर पर स्कूल बोर्ड के तहत आने वाले सभी स्कूल में सरस्वती वंदना की जाए, जिसमें मुस्लिम स्कूल भी शामिल हैं. मुस्लिम स्कूलों ने इस फरमान का विरोध किया है.

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अहमदाबाद म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड में करीब 65 उर्दू स्कूल हैं, जो ज्यादातर अहमदाबाद के मुस्लिम इलाके जमालपुर, जुहापुरा, दानीलिमडा, चंडोला ओर शाहपुर में हैं, इन स्कूलों में करीब 18,000 मुस्लिम छात्र पढ़ाई करते हैं. स्कूल बोर्ड ने फरमान में लिखा है- 'वसंत पंचमी विद्या, कला, ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना का पर्व है, इसीलिए इस दिन प्रार्थना सम्मेलन मां सरस्वती पूजन का आयोजन किया जा रहा है. सरस्वती वंदना के जरिए ज्ञानप्राप्ति का संकल्प करना है. वसंत पंचमी का पर्व दूसरे राज्यों में कैसे मनाया जाता है उसकी जानकारी भी प्रार्थना सभा में दी जानी चाहिए.'

वहीं अहमदाबाद म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड के इस तुगलकी फरमान को लेकर अभिभावक भी काफी परेशान हैं. अभिभावकों का मनाना है कि यह उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है.

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अहमदाबाद में मुस्लिम लीडर इमरान खेडावाला ने कहा, 'म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड के जरिए जो आदेश दिया गया है. मुस्लिम शिक्षा लेता है, इबादत करता है. मुस्लिम बच्चा पूजा नहीं कर सकता है. जिस कॉर्पोरेशन ने ऐसा किया, मुस्लिम कभी भी इससे सहमत नहीं है. जिस तरह से यह तुगलकी फरमान सुनाया गया है हम उसका विरोध करते हैं.'

वहीं बीजेपी कि सत्ता वाली अहमदाबाद म्यूनिसिपल स्कूल बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि सरस्वती वंदना ही शिक्षा का एकमात्र जरिया है, वैसे में बच्चों को अच्छी बात बताना और शिक्षा के लिए उत्साहित करना ही इस सरस्वती पूजा और वंदना का मकसद है.

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