केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गुजरात के अहमदाबाद में त्वरित कार्य बल (RAF) के 27वें स्थापना दिवस में हिस्सा लिया. अमित शाह परेड में शामिल हुए और निरीक्षण किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र किया और कहा कि जो जवान अपनी जान जोखिम में डालकर शहीद होते हैं उनके लिए सरकार काम कर रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 50 हजार जवानों का सच्चा सम्मान हमारी सरकार ने किया है, प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को हटाकर सभी का सम्मान किया है. ताकि कश्मीर में हमारे जवानों के शहीद होने की बारी न आए, 70 साल में किसी ने ऐसा नहीं सोचा था.
कार्यक्रम में अमित शाह बोले कि हमारी पार्टी को दोबारा सत्ता में आने का अवसर मिला तो सबसे पहले हमने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का काम किया. शाह बोले कि अब कोई भी अगर कश्मीर को डिस्टर्ब करेगा तो हमारे जवान सामना करने के लिए डटे हुए हैं.
RAF के बारे में अमित शाह ने कहा कि अगर देश में कहीं पर भी दंगे जैसे स्थिति होती है तो RAF का नाम ही काफी होता है. जवानों ने देश में हर स्थिति में काम किया है और लोगों की सेवा की है.
लगातार आक्रामक हैं अमित शाह
गौरतलब है कि अमित शाह लगातार अनुच्छेद 370 पर संबोधन कर रहे हैं और हर बार उनकी नीति आक्रामक ही रही है. इससे पहले रविवार को भी एक कार्यक्रम में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बात की थी और कहा था कि अब समय आ गया है कि देश का नया इतिहास लिखा जाएगा. जो अभी तक नहीं बताया गया है वह आज की पीढ़ी को बताने का वक्त आ गया है.
अमित शाह ने इस दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी निशाना साधा था और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के जाने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था. केंद्रीय गृह मंत्री के अनुसार अगर पहले युद्ध के दौरान सीज़फायर ना होता तो PoK भारत के पास ही रहता क्योंकि हमारी सेना वहां पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ चुकी थी.
कब हटी थी अनुच्छेद 370?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया था. इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का भी ऐलान किया था. 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर अलग और लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे.