गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए लोगों को वर्ग संघर्ष से बचने को कहा है. सीएम ने कहा कि हार्दिक को राज्य में अतीत में हो चुके जातीय और सांप्रदायिक दंगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
आनंदीबेन ने कहा, 'हमें शहरों और गांवों में एक दूसरे के साथ रहना है. समाज में कोई अनावश्यक तनाव नहीं होना चाहिए जिससे जातीय संघर्ष हों. हमने अतीत में इस तरह के तनावों के परिणाम देखे हैं.' उन्होंने पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक का नाम लिए बिना कहा, 'लेकिन 25 से 30 साल के इन युवाओं को कुछ नहीं पता क्योंकि उन्होंने गुजरात का वह कालखंड नहीं देखा है.'
मुख्यमंत्री का बयान पटेल समुदाय के सदस्यों द्वारा आंदोलन को तेज करने और बैंकों से अपना पैसा निकालकर आर्थिक असहयोग करने की पृष्ठभूमि में आया है. उन्होंने गुजरात में जाति और संप्रदाय आधारित दंगों का जिक्र करते हुए कहा, 'मैंने देखा है कि 1967 में क्या हुआ था. आपमें से कई ने देखा होगा कि 1985 में क्या हुआ था और हमने 1987 में जो हुआ, वह भी देखा है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि हर समुदाय विकास के माध्यम से समृद्ध हो.
हिंसा करने वाले आंदोलनकारियों की आलोचना
आनंदीबेन ने गांधीनगर में एक समारोह में कहा, 'हम किसी समुदाय को विकास के लाभों से वंचित नहीं करना चाहते. हमें गुजरात में शांति के लिए प्रयास करने होंगे. जाति या मत के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.' उन्होंने पिछले महीने अहमदाबाद में हार्दिक पटेल की रैली के बाद हिंसा करने वाले और निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आंदोलनकारियों की भी आलोचना की.
सीएम ने कहा, 'गुजरात में सरकार की वजह से यह विकास नहीं हुआ है बल्कि राज्य की छह करोड़ जनता के सहयोग से हुआ है. इसके लिए मेहनत की जरूरत होती है. विकास के लिए श्रम की जरूरत होती है, लेकिन विनाश के लिए कुछ नहीं चाहिए.'
'नुकसान करने वालों को कुछ करना नहीं पड़ता'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'जब सड़क बनाई जाती है तो श्रम की जरूरत होती है. घर बनाया जाता है तो भी श्रम की जरूरत होती है. जब घर चलाना होता है तो भी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन जो लोग केवल नुकसान करते हैं या तोड़फोड़ करते हैं, उन्हें कुछ नहीं करना पड़ता.' मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को अपना आदर्श बताने पर भी पटेल आंदोलन चला रहे नेताओं की निंदा की.
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने केवल शांति और एकता का काम किया था. अन्यथा 400 से अधिक रियासतों का संघ में विलय संभव नहीं होता. अगर ऐसा नहीं होता तो आज गुजरात की क्या स्थिति होती. मुख्यमंत्री ने कहा, 'उस समय सरदार पटेल ने देश को संगठित किया था और हम सरदार पटेल के पदचिह्नों पर चल रहे हैं. गुजरात में समुदायों के बीच तनाव नहीं हो सकता.' आनंदीबेन ने कहा कि राज्य में किसी समुदाय के सदस्यों के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं हो रहा.
उन्होंने हार्दिक के इन बयानों को भी खारिज कर दिया कि आरक्षण के कारण सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिलता.
-इनपुट भाषा से