वलसाड के परदी ताल्लुका के पारिया गांव में स्थित आसाराम के आश्रम के एक हिस्से में उनके पूर्व अनुयायियों के एक समूह ने आग लगा दी है. ये लोग आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से आहत थे.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस सुदूर क्षेत्र में आसाराम को आश्रम के लिए जमीन देने के वाले कुछ लोगों ने आश्रम के एक हिस्से में आग लगा दी है.
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आसाराम को जमीन दान में दी थी लेकिन उनके और उनके पुत्र नारायण साई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आने के बाद अब वे उनके समर्थक नहीं रहे.
सूरत पुलिस ने हाल ही में आसाराम के खिलाफ दो बहनों की शिकायत दर्ज की थी, जिसमें से एक शिकायत असाराम के और एक अन्य नारायण साई के खिलाफ थी. यह शिकायत बलात्कार, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से रोक कर रखने और अन्य आरोपों से संबंधित थी.
आसाराम के खिलाफ शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस स्टेशन स्थानांतरित किया गया क्योंकि घटना यहां उनके आश्रम में हुई थी. मामला गांधीनगर की एक अदालत में चल रहा है क्योंकि चांदखेड़ा, गांधीनगर जिले में आता है.
दोनों बहनों में से बड़ी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आसाराम ने 1997 और 2006 के बीच उस समय उसका यौन उत्पीड़न किया जब वह अहमदाबाद के बाहरी इलाके में आसाराम के आश्रम में रहती थी. छोटी बहन ने अपनी शिकायत में साई पर 2002 से 2005 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
साई के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. बहरहाल, आसाराम और साई ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने खिलाफ लगाये गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को रद्द करने की मांग की है.