गुजरात विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन चुके पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को बेल मिल गई है. विसनगर सेशन कोर्ट ने हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. हार्दिक पहले कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, लेकिन गुरुवार को वह पेश हुए. उन्हें 5000 के मुचलके पर जमानत मिली है.
यह वारंट साल 2015 में बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट में पेश नहीं होने पर जारी किया गया था. इस मामले में हार्दिक लगातार दूसरी बार अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए थे, जबकि लालजी पटेल की अदालत में पहली पेशी थी, जिसमें वह नहीं पहुंचे थे.
हार्दिक ने ट्वीट कर भी कहा कि विसनगर कोर्ट में हाजिर हुआ हूं, मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. लेकिन एक बात समझ नहीं आती कि अगर पाटीदारों पर मामले सरकार वापस खींच रही है, तो वारेंट इश्यू क्यों किया. उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा कहा कि शादी और पारिवारिक कार्यक्रम ताज होटल में करें, वीडियोग्राफ़ी का ख़र्चा बच जाएगा.
વિસનગર કોર્ટ માં આવ્યો છું.ન્યાયતંત્ર પર મને પૂરો ભરોષો છે.પણ એક વાત નથી સમજાતી કે કેસો પાછા ખેંચાયા ની વાત છે તો પછી વોરન્ટ કેમ નીકળ્યું.
— Hardik Patel (@HardikPatel_) October 26, 2017
हार्दिक पटेल और लालजी पटेल पर साल 2015 में बीजेपी विधायक के कार्यालय में हमला करने में शामिल होने का आरोप है. विसनगर सत्र अदालत के न्यायाधीश वीपी अग्रवाल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल , सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के संयोजक लालजी पटेल और पांच अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इन लोगों को पूर्व में मामले में जमानत मिल गयी थी.