scorecardresearch
 

Bharuch: 38 गांव के किसानों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, विरोध में सड़क पर बैठकर किया भजन

भरूच जिले के 38 गांवों के किसानों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. किसानों ने ऐसा निर्णय दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, बुलेट ट्रेन और भाडभूत बैराज योजना में गई जमीन के बदले मिली कम मुआवजा राशि को लेकर लिया है. इसी कड़ी में किसान जिला कलेक्ट्रर के ऑफिस के सामने सड़क पर बैठकर भजन और रामधुन गाकर विरोध जताया.

Advertisement
X
विरोध स्वरूप सड़क पर भजन गाती महिलाएं
विरोध स्वरूप सड़क पर भजन गाती महिलाएं

गुजरात के भरूच जिले के 38 गांवों के करीब एक लाख किसानों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार (election boycott) का ऐलान कर दिया है. दरअसल,  दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, बुलेट ट्रेन और भाडभूत बैराज योजना के निर्माण में अपनी जमीन गंवाने वाले किसान लंबे समय से मुआवजा राशि के लिए आंदोलन कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत सरकार को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकलने पर आखिरकार किसानों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का बिगुल फूंक दिया है. 

Advertisement

मंगलवार को किसानों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि भरूच जिले में केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं. इसमें बुलेट ट्रेन, भाडभूत बैराज योजना और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं. भरूच के किसानों का कहना है कि अन्य जिलों में बुलेट ट्रेन और एक्सप्रेसवे योजना में जमीन देने वालों किसानों को अच्छा मुआवजा दिया गया है. लेकिन भरूच के किसानों को कम मुआवजा मिला है. ऐसे में पिछले 4 साल से भरूच जिले के 38 गांवों के किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 

55 बार जिलाधिकारी को किसान दे चुके हैं ज्ञापन 
इतने वर्षों में किसानों का प्रतिनिधि मंडल 55 बार जिलाधिकारी को ज्ञापन दे चुका है. इसके अलावा वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी,बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल समेत स्थानीय नेताओं से लगातार मुलाकात कर चुके हैं.लेकिन, सरकार उनकी बातों पर विचार नहीं करती.किसानों की बात नहीं सुनी जा रही तो उन्होंने अहिंसक आंदोलन की राह पकड़ ली है. आज 300 से अधिक किसान जिला कलेक्टर कार्यालय में एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया. 

Advertisement

महिला किसानों ने थाली-बेलन बजाकर भजन गाया 
किसानों ने राज्य सरकार व जिला कलक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं ने हाथों में घुघरा और थाली वेलन लेकर भजनों के साथ रामधुन भी गाया. महिलाओं ने आक्रोश के साथ कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. हम जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इस तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि आसपास के जिलों के किसानों को उचित मुआवजा दिया गया है. इसी तरह भरूच के किसान भी मुआवजे के हकदार हैं. 

मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
किसान नेताओं का कहना है कि अन्य परियोजनाओं में भी किसानों के साथ अन्याय किया गया है. अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आंदोलन जारी रखेंगे. फिलहाल 38 गांवों के 1 लाख से ज्यादा किसानों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया है.समान मुआवजे की मांग को लेकर महिला किसानों ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्टर के रवैये की आलोचना करते हुए एक भजन गाया जिसके बोल थे.

रिपोर्ट - गौतम डोडीया, भरूच
Live TV

Advertisement
Advertisement