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बिलकिस बानो केस: दोषियों को मिली छूट के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई टली

बिलकिस बानो से साल 2002 में गैंगरेप हुआ था. इस मामले में 11 लोग दोषी पाए गए थे. इनको 15 अगस्त 2022 को क्षमा नीति के आधार पर छोड़ा गया था. फिर इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई थी.

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बिलकिस बानो (फाइल फोटो)
बिलकिस बानो (फाइल फोटो)

बिलकिस बानो से जुड़ी अर्जी पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई यानी अगले सोमवार तक के लिए टाल दी है. यह अर्जी बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने के लिए दायर की गई है.

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मामला मंगलवार को जब करीब चार बजे सुनवाई के लिए आया तो इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ दूसरे मामलों की सुनवाई में जुटी थी. इस मामले से जुड़े वकील भी दूसरे अन्य मुकदमों में व्यस्त थे. इस बात की जानकारी मिलने पर कोर्ट ने सुनवाई अगले सोमवार तक टाल दी.

गुजरात की बिलकिस बानो संग 2002 में गोधरा दंगों के दौरान गैंगरेप हुआ था. इतना ही नहीं, बिलकिस के परिवार के सात लोगों की हत्या भी हुई थी. इस केस में 11 लोग दोषी पाए गए थे. इनको पिछले साल क्षमा नीति के तहत छोड़ दिया गया था. इसपर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस भेजे थे. कुछ दोषी ऐसे थे जिनके घर पर ताला लगा था या फिर उनका फोन स्विच ऑफ था. इनको भेजा गया नोटिस स्थानीय अखबार में छपवाने के लिए कहा गया था.

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दोषियों के रिहा होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई थीं. गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो की याचिका को छोड़कर बाकी याचिकाओं पर आपत्ति जताई थी. इससे पहले 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को छोड़े जाने पर सवाल उठाए थे. कहा गया था कि फैसला लेने से पहले अपराध की गंभीरता को देखना चाहिए था.

बता दें कि गैंगरेप के वक्त 21 साल की बिलकिस बानो 5 महीने की गर्भवती थीं. उनके परिवार के जिन सात लोगों की हत्या हुई थी, उसमें बिलकिस की तीन साल की बेटी भी शामिल थी. इस केस के 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार के आदेश पर छोड़ा गया था.

 

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