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बीजेपी युवा मोर्चा नेता की मांग- 'वामपंथि‍यों' को न दिया जाए यूनिवर्सिटी में एडमिशन

यह नेता यूनिवर्सिटी की सीनेट के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो 'कम्युनिस्ट गुजरात को टुकड़ों में बांट देंगे'.

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बड़ौदा की एम.एस. यूनिवर्सिटी का है मामला
बड़ौदा की एम.एस. यूनिवर्सिटी का है मामला

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गुजरात में बड़ौदा के भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJPYM) के एक नेता ने मांग की है कि स्थानीय एम.एस. यूनिवर्सिटी (MSU) में 'वामपंथी' छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए. यह नेता यूनिवर्सिटी की सीनेट के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो 'कम्युनिस्ट गुजरात को टुकड़ों में बांट देंगे.'

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीनेट की सालाना बैठक में BJPYM नेता हंसमुख वाघेला ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से उन दो स्टूडेंट को निलंबित करने की मांग भी की जिन्हें जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से मिलने के आरोप में कथि‍त तौर पर रस्टीकेट कर दिया गया है. ऐसी एक स्टूडेंट का नाम मनीषा सोलंकी और दूसरे का नाम रोमेल सुतारिया है.

यूनिवर्सिटी प्रशासन इन छात्रों के निष्कासन से इनकार कर रहा है, लेकिन इनमें से एक छात्र रोमेल सुतारिया ने अपने खिलाफ होने वाले 'अन्याय के लिए विरोध' शुरू किया है.

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वाघेला असल में आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े रहे हैं और फिलहाल भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJPYM) के नेता हैं. उन्होंने कहा, 'MSU को कम्युनिस्ट ताकतों के दबाव में नहीं आना चाहिए. मनीषा सोलंकी और रोमेल सुतारिया जैसे स्टूडेंट को निलंबित किया जाना चाहिए.'

स्टूडेंट्स के बैकग्राउंड की हो जांच

वाघेला ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट को एडमिशन देते समय उनके बैकग्राउंड की भी जांच की जाए. उन्होंने कहा, 'जिन स्टूडेंट पर सवाल खड़े हो रहे हैं उनके बैकग्राउंड के बारे में मेरे पास विवरण हैं, इसीलिए मैं यह टिप्पणी कर रहा हूं. इन स्टूडेंट का झुकाव वामपंथ की ओर है. वामपंथियों का एडमिशन विश्वविद्यालय में नहीं होना चाहिए. वे गुजरात को टुकड़ों में बांट देंगे. गुजरात में कभी भी कम्युनिस्ट नहीं रहे हैं और हम उन्हें यहां रहने भी नहीं देंगे.'

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