बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि दो तिहाई बहुमत नहीं होने के कारण राम मंदिर और धारा 370 जैसे मुद्दों पर सरकार कुछ ठोस करने में असक्षम है, वहीं बुधवार को उन्होंने अपनी ही बात को खारिज करते हुए कहा कि मंदिर मुद्दे पर उनकी पार्टी पीछे नहीं हटी है और सही समय पर इस बाबत फैसला कर लिया जाएगा.
शाह ने कहा, 'हम राम मंदिर के मुद्दे पर बिल्कुल भी पीछे नहीं हटे हैं. पार्टी सही समय पर फैसला लेगी. मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जब भी कोर्ट का फैसला आएगा और जैसा कि पार्टी ने पहले कहा था कि हम फैसले का पालन करेंगे और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.'
शाह ने आगे कहा, 'हमारा यह भी मानना है कि राम मंदिर निर्माण का एक और तरीका सभी पक्षों के साथ बातचीत कर मुद्दे को सुलझाना है. हम अदालत के बाहर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं. हमारे लिए दोनों रास्ते खुले हैं.' हालांकि शाह ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने मंगलवार को राम मंदिर पर कुछ भी बोला था.
उन्होंने कहा, 'कल किसी ने राम मंदिर पर कुछ नहीं कहा, न तो पूछने वाले ने इस बारे में पूछा था और न ही जवाब देने वाले ने इस बारे में कुछ कहा था.' गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के 10 मई को अयोध्या में दिए गए बयान से हिंदू संत नाराज हो गए थे. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने तब एक मंच से कहा था कि संत समाज बगैर सरकार के मदद के ही मंदिर निर्माण करने में सक्षम है.
एक दिन पहले यह थे शाह के बोल
इससे पहले शाह से मंगलवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि उनकी पार्टी की राम मंदिर और अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे मुद्दों पर क्या योजना है क्योंकि अब पार्टी बहुमत में है तो बीजेपी अध्यक्ष ने जवाब दिया था कि उन्हें इसके लिए 370 सांसदों की, दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. जब कहा गया कि संसद में बीजेपी को पर्याप्त बहुमत प्राप्त है तो उन्होंने कहा, 'संविधान संशोधन के लिए यह पर्याप्त नहीं है.'
-इनपुट भाषा से