
देश की ज्यादातर सीमाओं की चौकसी सीमा सुरक्षा बल (BSF) की ही जिम्मेदारी है. वह 24 घंटे बॉर्डर पर अपनी चौकस निगाहें गड़ाए रखती है. गुजरात में पश्चिम कच्छ में 221 किलोमीटर लंबी सीमा है. इसके बाद समुद्री सीमा आती है. कच्छ जिले के पश्चिमी इलाके में सिर्फ कुछ बॉर्डर के इलाके में ही लोहे की फेंसिंग है, बाकी सीमा के इलाके में दलदल है जहां फेंसिंग बनाना नामुकिन है, वहां भारत-पाक सीमा के इंटरनेशनल बॉर्डर के पिलर्स हैं, यहीं से BSF के जवान हमेशा पेट्रोलिंग करते रहते हैं.
फिलहाल कोरोना के इस दौर में BSF के जवान का हौसला टूटा नहीं है. BSF के जवान दिन-रात कच्छ की समुद्री, दलदली ओर मरुभूमि रण की सीमाओं की निगरानी रखते हैं. कोरोना वायरस के इस दौर में बॉर्डर पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ बॉर्डर पर दिन-रात BSF के जवान पेट्रोलिंग कर रहे हैं.
हालात चाहें कैसे भी हो लेकिन सीमाओं की सुरक्षा के लिए BSF कटिबध है. कच्छ के क्रीक के दलदली इलाके में BSF के जवानों की पेट्रोलिंग की ये तस्वीरें ही बयां कर रही हैं कि देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में है ओर कोई भी परिंदा वहां पर नहीं मार सकता.
कच्छ के क्रीक इलाके की ये तस्वीरे हैं जहां हर रोज नई-नई कठिनाइयों के सामने लड़ते हुए भी BSF के जवान तैनात हैं, और यहां आए दिन पाकिस्तान से नापाक घुसपैठ की आशंकाओं के चलते BSF अलर्ट रहती है. BSF के रहते हुए भारतीय सीमा में घुसपैठ की किसी भी कोशिश को अंजाम दे पाना पाकिस्तान के लिए नामुकिन है.
(इनपुट-कौशिक कांटेचा)