वैसे तो गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी सुरक्षा में ढिलाई के मसले पर केंद्र सरकार पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं गंवाते हैं. लेकिन इस बार मामला कुछ उल्टा पड़ गया है. अब सीएजी ने मोदी के अपने ही प्रदेश में सुरक्षा-व्यवस्था में गंभीर खामियों को उजागर किया है.
सीएजी की ताजा रिपोर्ट गुजरात विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई. इसमें सीएजी ने इस बात का खुलासा किया है कि किस तरह नरेंद्र मोदी गुजरात की समुद्री सीमा को सुरक्षित बनाने में नाकाम रहे. सीएजी ने इस बात के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है कि वह जनवरी, 2005 में गृह मंत्रालय द्वारा पास की गई तटीय सुरक्षा योजना को अपने यहां लागू नहीं कर सकी.
सीएजी की यह रिपोर्ट हमारे सहयोगी चैनल 'हेडलाइंस टुडे' के पास भी है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि अपने तट की सुरक्षा करने में किस तरह मोदी सरकार फेल हुई.
केंद्र की योजना के मुताबिक, गुजरात में 10 तटीय पुलिस स्टेशन, 25 तटीय चेक पोस्ट और 46 तटवर्ती आउट पोस्ट बनाए जाने थे. इस काम के लिए 30 बोट, वाहन, फर्नीचर आदि साजो-सामान गुजरात को मुहैया करा दिए गए थे. इसके बावजूद, मोदी सरकार ने पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. उसने राज्य के फंड से इसके लिए कुछ भी नहीं खर्च किया.
इतना ही नहीं, तट पर 5 पुलिस स्टेशन बनाने के काम में भी देरी की गई. अन्य पुलिस स्टेशन बनाने के काम में इस्तेमाल कंक्रीट की क्वालिटी खराब थी.
50 चेक पोस्ट और आउट पोस्ट बनाने का काम तो पूरा कर लिया गया, पर इनमें से 36 पर काम ही शुरू नहीं हो सका. इन जगहों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की गई. साथ ही मछुआरों और उनकी बोटों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए बनाया गया टोकन सिस्टम बेअसर था.
बहरहाल, सीएजी के ताजा खुलासे के बाद इस मसले पर सियासत और गरमा सकती है. दूसरों पर तीर चलाने वाले मोदी इस बार खुद निशाना बन बैठे हैं.