आम तौर पर बलात्कार या दुष्कर्म के मामलों में लंबी कानूनी लड़ाई के चलते पीडित परिवार थक जाते हैं, लेकिन पिछले 3 साल में गुजरात सरकार ने ऐसे मामलों को गंभीरता लेते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट और तेज पुलिस प्रक्रिया से पीड़ित परिवारों को त्वरित न्याय दिलाया है. ऐसा ही एक केस वलसाड का था जहां सिर्फ 9 दिन में चार्जशीट और 6 महीने में आरोपी को सजा सुनाई गई.
अगस्त 2024 में वलसाड जिले के उमरगाम इलाके में 3 साल और 3 महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. इस गंभीर अपराध के बाद वलसाड पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने और पीड़िता व उसके परिवार को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया.
यह भी पढ़ें: कोच में रेप की कोशिश, महिला ने इज्जत बचाने के लिए चलती ट्रेन से बाहर लगा दी छलांग, हुआ ऐसा हाल
9 दिन में दाखिल हुई चार्जशीट
फॉरेंसिक, मेडिकल, तकनीकी और गवाह साक्ष्य एकत्र करने के बाद, केवल 9 दिनों में विशेष POCSO अदालत में 470 पृष्ठों की चार्जशीट पेश की गई. कोर्ट ने इस आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है. गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने पीड़ित बेटी और उसके परिवार को न्याय दिलाने में त्वरित और अनुकरणीय कार्य के लिए वलसाड पुलिस की पूरी टीम को बधाई दी है. साथ ही कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के इस फैसले से न्यायपालिका में लोगों के भरोसे को और मजबूती मिलेगी.
अगस्त 2024 में हुआ था दुष्कर्म
27 अगस्त 2024 को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तीन साल और 3 महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म की गंभीर घटना सामने आई.शाम छह बजे जब घटना की सूचना उमरगाम थाने में दी गई तो पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल के लिए भेज दिया. यह अपराध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 2023 की धारा 65(2) और पोक्सो अधिनियम की धारा 4, 5(एम), 6, 8 के तहत दर्ज किया गया था.
घटना की गंभीरता को देखते हुए वलसाड एसपी की अगुवाई में विशेष अभियान समूह और वरिष्ठ अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया, ताकि आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरे अभियान को अंजाम दिया जा सके. जांच से पता चला कि आरोपी अपराध को अंजाम देकर अपने गृहनगर झारखंड भाग गया था. वलसाड क्राइम ब्रांच ने आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया.
यह भी पढ़ें: अलीगढ़ में दरिंदगी: चॉकलेट का लालच देकर 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
विशेष जांच दल ने फॉरेंसिक, मेडिकल, तकनीकी और गवाह साक्ष्य एकत्र किए और केवल 9 दिनों में विशेष POCSO अदालत में 470 पृष्ठों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया. विशेष लोक अभियोजक अनिल त्रिपाठी ने मात्र 6 माह में मुकदमा पूरा कर मजबूत पक्ष प्रस्तुत किया. 24 मार्च 2025 को कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक कारावास और 50 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. पीड़िता को छह लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया है.