पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यूपीए सरकार में अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा, 'मुझे जीवनभर इस बात का मलाल रहेगा कि मैं पूर्ण बहुमत वाली सरकार में वित्त मंत्री नहीं रह सका. उन्होंने अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया. साथ ही मोदी सरकार की नीतियों पर भी गंभीर सवाल खड़े किए.
केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी सरकार को घेरते हुए चिदंबरम ने कहा कि हम एक लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन ला रहे हैं, यह कहकर विकास को नहीं आंका जा सकता. उन्होंने कहा कि सुर्खियों में रहकर विकास नहीं किया जा सकता बल्कि स्वास्थ्य, परिवहन, शौचालय और लैंगिक समानता जैसे क्षेत्रों में सुधार से विकास की पहचान है.
पार्टी के प्रचार के लिए चिदंबरम केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना कर रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों उन्होंने नोटबंदी को मूर्खतापूर्ण फैसला बताया था. 'आजतक' के खास कार्यक्रम में बोलते हुए चिदंबरम ने कहा था कि 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस एक कदम से कालाधन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. चिदंबरम ने कहा कि पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी ने देश में छोटे-मझोले कारोबारी को नुकसान पहुंचाया है.
चिदंबरम के मुताबिक मोदी सरकार की सबसे बड़ी गलती ये थी कि उसने कालेधन को खत्म करने के लिए नोटबंदी को सबसे बड़ा हथियार घोषित किया था. वहीं बेनामी संपत्ति पर मोदी सरकार की तैयारी पर चिदंबरम ने कहा कि अब देखना है कि वह देश में कितनी बेनामी संपत्ति पकड़कर कितने लोगों को जेल भजने का काम करते हैं.