गुजरात के ऊना में हुई दलित उत्पीड़न की घटना में सीआईडी क्राइम की जांच रिपोर्ट सामने आई है. इसके मुताबिक गाय को दलित परिवार ने नहीं मारा था. उसका शिकार एक शेरनी ने किया था. दलित समुदाय के लड़के बस उसका चमड़ा निकाल रहे थे.
गांव में पड़ा था शेरनी का आधा खाया शव
जांच में सामने आए तथ्यों के मुताबिक दलित परिवार जिस समढियाला गांव में रहता है, वहां से कुछ दूरी पर आए बेडीया गांव के नाजाभाई अहीर के घर के बाहर रात 11.30 बजे एक शेरनी
ने गाय का शिकार किया था. शिकार के बाद गाय को आधा खाकर शेरनी ने आधा वहीं छोड़ दिया था.
परिवार से गाय को हटाने के लिए कहा गया था
इस वजह से दूसरे दिन सुबह दलित परिवार को जानकारी दी गई कि गाय मर गई है, उसे ले जाएं. परिवार के मुखिया बालु सरवैया साथ हुई मारपीट में उनके सिर में 8 टांका लगाया गया है.
उन्होंने वसराम को इसकी जानकारी दी.
जिसके बाद वसराम अपने भाई रमेश, चचेरे भाई अशोक ओर बेचरभाई के साथ वहा पहुंच गया. वहां से दो किलोमीटर दूर ले जाकर गाय की चमड़ी निकालने का काम शुरू किया था.
अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी
सीआईडी के मुताबिक इस मामले में 4 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले में अब तक कुल 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इससे पहले 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि गौरक्षकों को इस बात की जानकारी किसने दी कि यहां पर चमड़ा निकाला जा रहा है. उस शख्स की तलाश की जा रही है.