गुजरात की जीवन डोर मानी जाने वाले नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के लिये शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा. आज ही सरदार सरोवर बांध के 30 दरवाजों को बंद किया गया है. दरअसल 1961 में नर्मदा पर सरदार सरोवर बांध की नीव उस वक्त के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी, जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की परिकल्पना के तौर पर देखा जाता है.
हालांकि इतने साल बाद आज सरदार सरोवर बांध का काम खत्म हुआ और इस पर बने 30 दरवाजों को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बंद किया. सरदार सरोवर बांध का काफी स्वर्णिम इतिहास रहा है.
- 1981 में सरदार सरोवर बांध का काम शुरू किया गया था.Gujarat has done it ! Installing all gates at Narmada dam, with manifold water holding capacity, marks fulfillment of eagerly awaited dream. pic.twitter.com/zo9iaPqlmY
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) June 17, 2017
Vision of the Iron Man of India Sardar Patel in 1946 is realized by visionary Vikas Purush @narendramodi by closing the gates of Narmada dam pic.twitter.com/clzNWkOlvj
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) June 17, 2017
बांध की वजह से रोज 1450 मोगावोट बिजली पैदा होगी. 68 लाख हेक्टेयर जमीन को फायदा होगा. बांध के दरवाजे बंद करने को लेकर मुख्यमंत्री विजय रुपानी का कहना है कि, बांध के बंद दरवाजों ने गुजरात के विकास के दरवाजे खोल दिए हैं तो वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी का चुनावी हथकंडा बताया है.