गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का 2 अगस्त को जन्मदिन था. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का जन्मदिन राजकोट में संवेदनशील दिन के तौर पर मनाया गया. राजकोट में सीएम रुपाणी ने कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खो चुके, अनाथ हो गए बच्चों या ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता में से किसी एक की मौत हो चुकी है, उनके भरण-पोषण के लिए हर महीने आर्थिक सहयोग का ऐलान किया.
मुख्यमंत्री के जन्मदिन के मौके पर वडोदरा में विवाद भी हुआ. सीएम के जन्मदिन पर वडोदरा के बीजेपी अध्यक्ष ने शहर के सभी कत्लखाने बंद रखने को कहा था. बीजेपी अध्यक्ष के निर्देश पर प्रशासन ने शहर के कत्लखाने बंद कराए और इसे लेकर कत्लखाना संचालक नाराज नजर आए. जब कत्लखाने बंद रखने के फरमान पर विवाद हुआ तब वडोदरा के बीजेपी अध्यक्ष विजय शाह ने सफाई देते हुए कहा कि ये फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्यमंत्री जैन हैं और वे अहिंसा में विश्वास रखते हैं.
गौरतलब है कि वडोदरा नगरनिगम में बीजेपी का बोर्ड है. इस आदेश के बाद कत्लखाना संचालक काफी नाराज हैं. संचालक ये साफ कहते हैं कि पहले जहां पूरे साल में कत्लखाने सिर्फ चार से पांच दिन के लिए बंद रहते थे वहीं अब 12 से 15 दिन बंद रहते हैं. वडोदरा कुरैशी समाज के महासचिव मोहम्मद हनीफ कुरैशी का कहना है कि मुख्यमंत्री के जन्मदिन के मौके पर इस तरह से कत्लखाने बंद करने का आदेश देना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि कत्लखाने सिर्फ वडोदरा में ही बंद रखे गए. गांधीनगर, अहमदाबाद और यहां तक कि जिस राजकोट में सीएम विजय रुपाणी ने अपना जन्मदिन मनाया वहां भी कत्लखाने बंद नहीं किए गए. कुरैशी ने कहा कि कत्लखानों से कई लोगों का रोजगार भी जुड़ा है. इस तरह के फरमान से रोजगार भी प्रभावित होता है. गौरतलब है कि बीजेपी के नेताओं ने भी कत्लखानों पर पहुंचकर मुआयना किया कि यहां कोई काम तो नहीं कर रहा.