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गुजरात में 6 हजार करोड़ का कोयला घोटाला, कांग्रेस का BJP सरकार पर बड़ा आरोप

कांग्रेस ने गुजरात सरकार पर 6 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगया है. पार्टी ने इस घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • सस्ती दर पर इंडस्ट्रीज को कोयला बेचने का आरोप
  • 14 साल में बदले 4 मुख्यमंत्रियों की जांच की मांग

कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार पर 6 हजार करोड़ के कोयला घोटाले का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि कोयला खदानों से निकला कोयला राज्य के लघु एवं मध्यम उद्योगों को देने की जगह दूसरे राज्यों की नामांकित एजेंसियों को सीधे बेच दिया गया. कांग्रेस के मुताबिक सरकार ने उन एजेंसियों को कोयला बेच दिया, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. कांग्रेस ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज से कराने की मांग की है.

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कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार ने कोल इंडिया से सब्सिडी वाला कोयला उद्योगों के नाम पर खरीदा और उसे खुले मार्केट में बेच दिया. कांग्रेस ने कहा कि पिछले 14 साल के अंदर गुजरात में भाजपा के 4 मुख्यमंत्री बदले हैं. सभी की जांच की जानी चाहिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस 60 लाख टन के कोयला घोटाले पर जवाब देने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 60 लाख टन कोयला गायब! क्या इस कोयला घोटाले पर प्रधान ‘मित्र’ मंत्री जी कुछ कहेंगे?

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि गुजरात में 2008 से आज के दिन तक नरेंद्र मोदी, आनंदीबेन पटेल, विजय रुपाणी और भूपेंद्र भाई पटेल मुख्यमंत्री रहे हैं. सभी की भूमिका की जांच होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 14 साल में राज्य के लघु और मध्यम उद्योग को कोयला देने की जगह गुजरात सरकार की एजेंसियों ने उसे ऊंचे दाम पर बेच दिया. कांग्रेस ने कहा कि पिछले 14 साल में गुजरात सरकार का उद्योग, खान एवं खनिज विभाग 10 साल तक मुख्यमंत्री के कंट्रोल में रहा है. इतने समय तक सीएम ही इसका अतिरिक्त चार्ज लेता आया है. इस मामले में ED, SFIO, FIU और इनकम टैक्स को केस दर्ज करना चाहिए.

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कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोल इंडिया की कई खदानों से निकाला गया कोयला उन उद्योगों तक नहीं पहुंचा, जिनके लिए कोयला निकाला गया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 3 हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से कोयले की औसत कीमत 1,800 करोड़ थी. लेकिन इसे उद्योग धंधों को फायदा पहुंचाने के लिए 8,000 से लेकर 10,000 रुपए प्रति टन बेचा गया.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2007 में एक फॉर्मूला तैयार किया था. इसके मुताबिक लघु और मध्यम उद्योगों को कम दाम में कोयला उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई थी. इसमें यह भी कहा गया था कि इस पॉलिसी के तहत वेस्ट कोल फील्ड और साउथ-ईस्ट कोल फील्ड से हर महीने कोयला निकालकर लघु और मध्यम उद्योगों को दिए जाने थे.

गुजरात में कोयला सप्लाई के लिए ये एजेन्सी

1. काठियावाड़ कोल कोक कंज्यूमर एन्ड ट्रेडर्स एसोसिएशन 

2. गुजरात कोल कोक ट्रेंड एसोसिएशन 

3. सौराष्ट्र ब्रिक्वेटिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

4. साउथ गुजरात फेडरेशन ऑफ इन्डस्ट्रीज वापी

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि काठियावाड़ कोल कोक कंज्यूमर एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन ने दस्तावेजों में जो पता दर्ज कराया है, उस पते पर इस तरह की कोई कंपनी संचालित नहीं है.

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